November 16, 2024

बहाली पर तलवारः बिहार में 6379 जूनियर इंजीनियर की नियुक्ति प्रक्रिया लटकी, सरकार ने वापस लिया विज्ञापन

0

बिहार
बिहार में 6379 जूनियर इंजीनियर बहाली लटक गई है। पटना हाईकोर्ट ने गुरुवार को जूनियर इंजीनियर बहाली के लिए निर्धारित नियमों को चुनौती देने वाली आठ याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की। बहाली नियम के बारे में राज्य सरकार की ओर से हलफनामा दायर कर कोर्ट को बताया गया कि सरकार ने बहाली विज्ञापन को वापस ले लिया है। नये नियम बनाकर फिर से विज्ञापन निकाला जाएगा।

न्यायमूर्ति पीबी बजंत्री और न्यायमूर्ति अरुण कुमार झा की खंडपीठ ने संजय कुमार चौहान सहित सात अन्य की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई की। आवेदकों की ओर से अधिवक्ता एसएस सुंदरम और अधिवक्ता दीनू कुमार एवं रितिका रानी ने कोर्ट को बताया कि प्रकाशित विज्ञापन में जो शैक्षणिक योग्यता दी गई है वह कानूनन गलत है। यही नहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले के भी खिलाफ है। उनका कहना था कि एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त डिप्लोमा संस्थानों से पास छात्रों को बहाली में भाग लेने का विज्ञापन 2019 में प्रकाशित किया गया है। जबकि डिम यूनिवर्सिटी सहित राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त डिप्लोमा संस्थानों को एआईसीटीई की बजाए यूजीसी से मान्यता लेना है। डिप्लोमा के लिए एआईसीटीई से मान्यता लेना नियमतः जरूरी नहीं है।

कोर्ट ने सरकार को दिया यह आदेश

आवेदकों की ओर से पेश दलील और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर कोर्ट को बताया कि बहाली नियमों में फेरबदल कर नये सिरे से जूनियर इंजीनियर बहाली के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया जाएगा। कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से दायर हलफनामा को मंजूर करते हुए बहाली नियमों में बदलाव कर नये सिरे से बहाली विज्ञापन प्रकाशित करने का आदेश देते हुए सभी याचिका को निष्पादित कर दिया। गौरतलब है कि बिहार तकनीकी सेवा आयोग ने 2019 में 6379 जूनियर इंजीनियर बहाली के लिए विज्ञापन निकाला था।

सहायक प्राध्यापक बहाली के परीक्षा परिणाम पर रोक

पटना हाईकोर्ट ने गुरुवार को मनोविज्ञान के सहायक प्राध्यापक पद पर बहाली के लिए हुई परीक्षा के परिणाम पर रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति संजीव प्रकाश शर्मा की एकलपीठ ने वसुन्धरा राज व संगीता कुमारी की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई के बाद परिणाम पर रोक लगा दी। आवेदिका की ओर से अधिवक्ता चंद्रशेखर सिंह ने कोर्ट को बताया कि पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों को अनारक्षित कोटि में डाल दिया गया है। उनका कहना था कि आरक्षण नियमों को मनमाने ढंग से लागू किया गया है। पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों को अनारक्षित कोटि में डालकर रिजल्ट तैयार किया जा रहा है। कोर्ट ने फिलहाल रिजल्ट घोषित करने पर रोक लगा दी।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *