पाकिस्तान के कराची में पुलिस प्रमुख हेडक्वार्टर पर आतंकवादी हमला, 3 दहशतगर्दों समेत 7 की मौत
कराची
पाकिस्तान के सबसे घनी आबादी वाले शहर कराची में शुक्रवार को 8 हथियारबंद आतंकवादियों ने पुलिस प्रमुख कार्यालय पर हमला कर दिया, जिसके बाद अर्धसैनिक बलों और हमलावरों के बीच शुरू हुई भीषण गोलीबारी में 3 आतंकवादी और 4 अन्य लोग मारे गए। देशभर में आतंकी हमलों में वृद्धि के बीच सुरक्षा बलों पर हुआ यह ताजा हमला है। हमला स्थानीय समयानुसार शाम लगभग 7 बजकर 10 मिनट पर हुआ। कराची पुलिस के एक प्रवक्ता ने एक बयान में पुष्टि की कि कराची पुलिस प्रमुख के मुख्यालय पर हमला हुआ है। बयान में कहा गया है कि गोलीबारी जारी है।
कराची के पुलिस प्रमुख जावेद ओदहो ने भी एक ट्वीट कर पुष्टि की कि उनके कार्यालय पर हमला हुआ है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी डीआईजी (दक्षिण) इरफान बलूच ने कहा कि मुठभेड़ के दौरान 3 आतंकवादी मारे गए और एक पुलिसकर्मी और एक नागरिक की भी जान चली गई। उन्होंने कहा कि चार पुलिसकर्मियों समेत छह अन्य लोग घायल हुए हैं। उन्होंने कहा कि कुछ आतंकवादी इमारत के पिछले हिस्से से दाखिल हुए, जबकि दो पुलिस की वर्दी पहनकर मुख्य द्वार से घुसे।
'इमारत के अंदर अब भी कुछ आतंकवादी'
ऑफिसर ने कहा कि पुलिस ने इमारत के अंदर आतंकवादियों को घेर लिया है और इमारत की एक मंजिल को खाली करा लिया गया है। उन्होंने कहा कि इमारत के अंदर अब भी कुछ आतंकवादी हैं। खूंखार आतंकी समूह पाकिस्तान तालिबान ने हमले की जिम्मेदारी ली है। आतंकवादियों ने पहले कराची पुलिस प्रमुख कार्यालय की इमारत के मुख्य परिसर में 6 हथगोले फेंके और फिर परिसर में घुस गए। पुलिस के एक सूत्र ने बताया, 'अर्धसैनिक बलों, पुलिस और हमलावरों के बीच भीषण गोलीबारी जारी है। हमलावरों को घेरने के लिए जिले और इलाके की सभी मोबाइल वैन को तत्काल घटनास्थल पर बुलाया गया।'
नवंबर के बाद से आतंकवादी हमलों में वृद्धि
कराची पुलिस प्रमुख का कार्यालय शहर की मुख्य सड़क के पास स्थित है जो हवाई अड्डे तक जाती है। पाकिस्तान में नवंबर के बाद से आतंकवादी हमलों में वृद्धि देखी गई है, जब पाकिस्तान तालिबान ने सरकार के साथ एक महीने का संघर्ष विराम समाप्त कर दिया था। पिछले महीने, तालिबान के एक आत्मघाती हमलावर ने उत्तर-पश्चिमी पेशावर शहर में उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र में नमाजियों से खचाखच भरी मस्जिद में खुद को बम से उड़ा लिया था, जिसमें 100 से अधिक लोग मारे गए थे। मरने वालों में ज्यादातर पुलिसकर्मी थे।