वंचित वर्ग को समाज की मुख्य धारा में शामिल कराने में पुलिस की भूमिका महत्वपूर्ण : राज्यपाल पटेल
पुलिस संवेदनशील, सजग, जिम्मेदार, आधुनिक और टेक्नोलॉजी में दक्ष बने
राज्यपाल पटेल 66वीं अखिल भारतीय ड्यूटी मीट के समापन समारोह में हुए शामिल
भोपाल
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि दुनिया के सबसे बड़े और सबसे जीवंत लोकतंत्र को बनाए रखने और इसे मजबूत करने में पुलिस के बहुमूल्य योगदान को सारा देश मानता और स्वीकार करता है। उन्होंने कहा कि समाज के सबसे कमजोर और वंचित वर्ग को समाज की मुख्य धारा में शामिल कराने के प्रयासों में पुलिस की भूमिका महत्वपूर्ण है इसलिए जरूरी है कि पुलिस संवेदनशील, सजग, जिम्मेदार बने। आधुनिक बने और टेक्नोलॉजी में दक्ष हो।
राज्यपाल पटेल आज 66वीं अखिल भारतीय ड्यूटी मीट 2022-23 के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत करने के साथ प्रधानमंत्री जीवन रक्षा पुलिस पदक प्रदान किए।
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि पुलिस सरकार का सबसे ज्यादा दिखने वाला हिस्सा है, जब पुलिस लोगों का भरोसा जीतती है, तो जनता का सरकार पर भरोसा और विश्वास बढ़ता है। उन्होंने देश की प्रगति और सामाजिक परिवर्तन में पुलिस को भागीदारी करने के लिए आगे आने को कहा। उन्होंने कहा कि वंचित वर्गों के समाज में समावेशन के लिए पुलिस को आगे आना चाहिए। पुलिस को दायित्व का पालन लोगों की सेवा तथा मानव अधिकारों की रक्षा के उच्च आदर्शों के साथ करना चाहिए।
राज्यपाल पटेल ने कहा कि कोई भी देश, समाज तभी सशक्त, समृद्ध और विकसित हो सकता है, जब वह आंतरिक रूप से सुरक्षित और सशक्त हो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत की अर्थ-व्यवस्था को 5 ट्रिलियन कर दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में शामिल कराने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। उनके प्रयासों की सफलता के लिए देश-प्रदेश की आंतरिक क़ानून व्यवस्था का मजबूत होना परम आवश्यक है। उन्होंने कहा कि दूसरों की जान बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालने के पुलिस के जज्बे का सारा देश सम्मान और गर्व करता है। उन्होंने आगजनी की एक घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि जलते घर के अंदर घुस कर बच्चे को बचाकर लाने वाले जवान का जज्बा सभी के लिये प्रेरणा का केन्द्र हैं। उन्होंने प्रतिभागियों से अपेक्षा की कि पुलिस जवान इसी जज्बे के साथ समाज और देश की सेवा करेंगे।
पुलिस महानिदेश, सुधीर सक्सेना ने मीट के दौरान आयोजित प्रतियोगिताओं के विजेताओं के उत्कृष्ट प्रदर्शन और खेल भावना की सराहना की। उन्होंने विजेताओं को बधाई दी। अखिल भारतीय पुलिस खेल कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष के प्रतिनिधि के रूप में अपर महानिदेशक आई.बी हरिनाथ मिश्रा ने बताया कि विषम परिस्थितियों में मानव जीवन की रक्षा कर, अदम्य साहस का परिचय देने वाले पुलिस के 10 अधिकारी-कर्मचारियों को प्रधानमंत्री पुलिस पदक प्रदान किए गए है। उन्होंने बताया कि कोविड महामारी के अन्तराल को छोड़कर वर्ष 1953 से निरंतर पुलिस ड्यूटी मीट का आयोजन किया जा रहा है।
राज्यपाल ने प्रधानमंत्री वीरता पदक प्रदान किए
राज्यपाल पटेल ने प्रधानमंत्री वीरता पदक उत्तराखण्ड पुलिस के मुख्य आरक्षक फैजान अली, आरक्षक राजेश सिंह कुंवर, आंध्र प्रदेश पुलिस के उप निरीक्षक डंगेती अर्जुन राव, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के सहायक सेनानी अजय मलिक, आरक्षक सियाराम, भौन सिंह, टू आई.सी. मृत्युंजय कुमार, प्रधान आरक्षक रिकाल सिंह, आरक्षक पंकज कुमार सिंह और एन.डी.आर.एफ के आरक्षक सियाजीत को प्रदान किया गया।
राज्यपाल पटेल ने विजेताओं को पुरस्कृत किया
राज्यपाल पटेल ने पुलिस ड्यूटी मीट के ओवरऑल चेंपियन का पुरस्कार तमिलनाडू पुलिस को प्रदान किया। मीट के दौरान आयोजित प्रतियोगिता, साइंटिफिक ऐड्रेस टू इंन्वेस्टिगेशन प्रतियोगिता में तमिलनाडू को विजेता, महाराष्ट्र को उप विजेता, हार्ड लाईन मध्यप्रदेश पुलिस को, पुलिस फोटोग्राफी प्रतियोगिता में तमिलनाडू को विजेता, आंध्र प्रदेश को उप विजेता, डॉग स्क्वॉड में सीमा सुरक्षा बल को विजेता, सशस्त्र सीमा बल को उप विजेता, बेस्ट डॉग ऑफ कॉम्पिटिशन में मध्यप्रदेश पुलिस के श्वान चिंकी तथा केयर टेकर 23वीं बटालियन के संदीप परिहार को, कम्प्यूटर अवेयरनेस प्रतियोगिता में आंध्र प्रदेश को विजेता, इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस को उप विजेता, एंटी सैबोटेज चेक में महाराष्ट्र को विजेता और तमिलनाडू को उप विजेता और वीडियोग्राफी प्रतियोगिता में केरल को विजेता, मध्यप्रदेश को उप विजेता का पुरस्कार प्रदान किया गया।