‘पैसा आ जाता है पर नाम नहीं..’ उद्धव से तीर-कमान छिन जाने के दर्द पर राज ठाकरे का नमक; बालासाहेब को किया याद
नई दिल्ली
महाराष्ट्र की सियासत में शुक्रवार का दिन काफी उथल-पुथल वाला रहा। चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी और 'तीर और धनुष' वाला चुनाव चिन्ह आवंटित किया है। इस वाकये के बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे पर तंज कसते हुए कटाक्ष किया है। राज ठाकरे ने शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे का एक पुराना ऑडियो क्लिप साझा किया, जिसमें वह धन और प्रतिष्ठा के बारे में बात करते हुए सुनाई दे रहे हैं।
राज ठाकरे ने बालासाहेब का ऑडियो क्लिप शेयर करते हुए कैप्शन दिया, 'बालासाहेब ने 'शिवसेना' का जो आइडिया दिया था, वह कितना सही था, आज फिर पता चल गया…'। ऑडियो क्लिप में शिवसेना संस्थापक को यह कहते हुए सुना जा सकता है, "पैसा आता है और चला जाता है….पैसा जाता है तो इसे कमाया जाता है, लेकिन एक बार नाम चला गया तो वह कभी वापस नहीं आता। इसलिए आप अपना नाम बड़ा रखना… नाम ही सब कुछ है… नाम चला गया तो काले बाजार में भी नहीं मिलेगा। इसलिए अपना नाम पवित्र रखो।"
उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग के फैसले पर दी प्रतिक्रिया
एकनाथ शिंदे को शिवसेना के चुनाव चिह्न को बरकरार रखने की अनुमति देने के चुनाव आयोग के फैसले के बाद, उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार शाम को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की और "शिवसैनिकों" को अपनी जमीन पर बने रहने और दृढ़ रहने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला गुट "असली मानुष" नहीं था।
शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे ने पोल पैनल के फैसले को लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताया। ठाकरे ने बांद्रा में अपने मातोश्री बंगले में संवाददाताओं से कहा, "उन्होंने (एकनाथ शिंदे गुट ने) हमारे धनुष और तीर के प्रतीक को चुरा लिया है, लेकिन लोग इस चोरी का बदला लेंगे।" उन्होंने कहा, "हम एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता देने के चुनाव आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।"