November 28, 2024

मुख्यमंत्री चौहान के प्रतिदिन पौध-रोपण की गूँज लोकल से ग्लोबल स्तर तक

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भोपाल

जनसंपर्क संचालनालय की विशेष फीचर श्रृंखला

जलवायु परिवर्तन तथा ग्लोबल वार्मिंग के दुष्प्रभाव के इस दौर में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री चौहान द्वारा प्रतिदिन पौध-रोपण से देश-विदेश में मध्यप्रदेश का नाम पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध एक ब्राण्ड के रूप में स्थापित हुआ है। देश-विदेश में जब संगोष्ठियों, सेमीनारों और पर्यावरणीय विमर्श में जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के प्रभावों की रोकथाम पर महज अकादमिक चर्चा हो रही है, तब शिवराज सिंह चौहान ने इस संबंध में व्यक्तिगत स्तर पर कर्म करने का प्रण लिया। यह प्रण था प्रतिदिन स्वयं पौधा लगाने का और पौधा लगाने के प्रतिदिन के उपक्रम में लोगों को जोड़ने का। आज से दो साल पहले मुख्यमंत्री चौहान ने माँ नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक में 19 फरवरी 2021 को नर्मदा जयंती के अवसर पर प्रतिदिन पौधा लगाने की जो शुरूआत की उसे वे दो वर्ष बाद भी निरंतर रखे हुए है। सर्दी, गर्मी, बरसात जैसे मौसम के बदलाव हों या स्वयं के स्वास्थ्य की समस्याएँ, या फिर मुख्यमंत्री के दायित्व निर्वहन की व्यस्तताएँ और प्रदेश व प्रदेश के बाहर के प्रवासों की उलझनें, कोई भी स्थिति उन्हें प्रतिदिन पौध-रोपण के अपने प्रण से डिगा नहीं पाईं। चौहान ने इन दो वर्षों के 730 दिनों में लगभग 2200 पौधे लगाए। पौधे लगाने की गतिविधि का विस्तार भोपाल सहित प्रदेश के कई कस्बों और शहरों से लेकर देश के 12 राज्यों तक हुआ। अब स्थिति यह है कि मुख्यमंत्री चौहान के साथ प्रतिदिन कई सामाजिक संगठन और व्यक्ति, स्व-प्रेरणा से पौध-रोपण कर रहे हैं। यही वजह है कि बिन्दु से आरंभ हुआ सामाजिक सरोकार का यह प्रयास सिंधु बनने की ओर निरंतर अग्रसर है।

मुख्यमंत्री चौहान की अपील का प्रदेशवासियों पर होता है आत्मीय प्रभाव

मुख्यमंत्री चौहान, मुख्यमंत्री होने के साथ-साथ जन-जन के सर्वमान्य नेता, प्रदेश के बच्चों के मामा, बहनों के भाई और प्रदेश के परिवेश में रचे-बसे ‍जननायक हैं। प्रदेशवासियों पर उनकी हर अपील का आत्मीय प्रभाव होता है। चौहान ने पौध-रोपण के अपने प्रण से जन-जन को जोड़ने के लिए लोगों को अपने जीवन के महत्वपूर्ण अवसरों जन्मदिवस, विवाह वर्षगांठ तथा अपने परिजनों की स्मृतियों को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए उनकी पुण्य-तिथि पर पौधे लगाने का आहवान किया है। उनके आहवान के परिणामस्वरूप राजधानी भोपाल सहित पूरे प्रदेश में पौध-रोपण की गतिविधि को विस्तार मिला। देश-दुनिया जब कोरोना से प्रभावित थी तब भी उस काल में कोरोना से बचाव की सावधानियों के साथ पौध-रोपण जारी रहा। कोरोना के नियंत्रण में आने के साथ ही, जनवरी 2022 से श्यामला हिल्स स्थित स्मार्ट सिटी उद्यान में मुख्यमंत्री के साथ अपने जन्मदिवस, विवाह वर्षगांठ या परिजनों की स्मृति में पौधे लगाने के लिए आने वाले लोगों की संख्या बढ़ती चली गई। जनवरी 2022 से अब तक लगभग 1600 से अधिक व्यक्तियों ने उनके साथ पौधे लगाए। इस तरह चौहान का व्यक्तिगत प्रण, समाज का प्रण बन गया।

पौधा लगाने वाले अपने योगदान को डिजिटल स्वरूप में रखते हैं सुरक्षित

पर्यावरण संरक्षण के पावन कार्य में जन-सहभागिता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रदेश में मुख्यमंत्री चौहान ने एक और नई पहल की है। यह पहल है विश्व पर्यावरण दिवस 05 जून 2021 से आरंभ किया गया प्रदेशव्यापी अंकुर कार्यक्रम। कार्यक्रम की अनूठी बात यह है कि लोग पौधा लगाकर पर्यावरण संरक्षण के महायज्ञ में अपने योगदान को डिजिटल स्वरूप में सुरक्षित रख सकते है। इसके लिए वायुदूत एप पर रजिस्ट्रेशन कराकर स्वयं के द्वारा लगाए गए पौधे की फोटो अपलोड करने की व्यवस्था है। पौधा लगाने के बाद उसकी देख-रेख की जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिभागियों के लिए निश्चित समयावधि के बाद पुन: फोटो अपलोड करने के साथ ही चयनित लोगों को प्राण वायु अवार्ड से सम्मानित करने की व्यवस्था भी है।

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने भी लगाया भोपाल में पौधा

मुख्यमंत्री चौहान स्वयं के द्वारा किये गये पौध-रोपण से प्रदेशवासियों को भी इस महत्वपूर्ण और मानवसेवी गतिविधि से जोड़ने में सफल हुए हैं। यही नहीं एक राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा स्वयं प्रतिदिन पौध-रोपण और फिर उसमें जन-सहभागिता से देश-विदेश में मध्यप्रदेश, पर्यावरण-संरक्षण के लिए एक संवदेनशील और प्रतिबद्ध ब्राण्ड के रूप में स्थापित हुआ है। चौहान ने प्रत्येक प्रमुख अवसर पर अपने पौध-रोपण के प्रण को पूरी प्रभावशीलता के साथ प्रकट किया। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने स्वयं भोपाल के स्मार्ट सिटी उद्यान में बरगद का पौधा लगाया। राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री चौहान तथा केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा भी राष्ट्रपति के साथ पौध-रोपण में शामिल हुए और पीपल तथा कचनार के पौधे लगाए। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु द्वारा मध्यप्रदेश की पावन धरती पर पौध-रोपण के लिए उनका आभार मानते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने कहा था कि "इससे हमारे उस अभियान को बल मिला है, जो हर व्यक्ति को महत्वपूर्ण अवसर पर पौधे लगाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से संचालित किया जा रहा है।"

मुख्यमंत्री के साथ देश-विदेश के लोगों ने किया है पौध-रोपण

हाल ही में मध्यप्रदेश को कई प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों की मेज़बानी का अवसर प्राप्त हुआ। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में जहाँ देश-विदेश के प्रमुख उद्योगपति और निवेशक मध्यप्रदेश में आए, वहीं विदेश मंत्रालय द्वारा इंदौर में आयोजित 17वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन में गुयाना गणराज्य के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद इरफ़ान अली, सूरीनाम गणराज्य के राष्ट्रपति चंद्रिकाप्रसाद संतोखी तथा विश्व के लगभग सभी प्रमुख देशों में फैले प्रवासी भारतीय, मध्यप्रदेश आये। खेलो इंडिया यूथ गेम्स-2022 का आयोजन प्रदेश के सात शहरों, जी-20 के कृषि कार्य समूह बैठक का आयोजन इंदौर में और जी-20 के ही थिंक-20 की बैठक भोपाल में हुई। साथ ही भारत सरकार द्वारा वॉटर विज़न समिट और अन्य राष्ट्रीय स्तर की बैठकें प्रदेश में आयोजित की गई। इन आयोजनों में देश-विदेश से आए प्रतिनिधि मंडलों के सदस्य और गणमान्य नागरिकों ने मुख्यमंत्री चौहान की पर्यावरण-संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता को देखकर स्वयं आगे आते हुए भोपाल और इंदौर में पौध-रोपण में शामिल हुए। परिणामस्वरूप मुख्यमंत्री चौहान के प्रतिदिन पौध-रोपण के प्रण की गूँज लोकल से कहीं आगे जाकर ग्लोबल स्तर तक हो रही है।

मुख्यमंत्री चौहान के साथ हार्ट फुलनेस संस्थान के वैश्विक अध्यक्ष परम पूज्य दाजी कमलेश पटेल, परम पूज्य सदगुरु जग्गी वासुदेव ने भी पौधे लगाए। इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र के पर्यावरण कार्यक्रमों के कार्यकारी निदेशक रहे एरिक सॉल्हिम, साउथ अफ्रीका टूरिज्म की हब प्रमुख सुनेलिस्वा जकाबी, विज्ञापन जगत की जानी-मानी हस्ती पद्मपीयूष पाण्डेय, कश्मीर फाईल्स के निदेशक विवेक अग्निहोत्री, फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार सहित खेल, कला-संस्कृति, शिक्षा जगत और राजनैतिक क्षेत्र के लब्ध प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने भी मुख्यमंत्री चौहान के साथ पौधरोपण किया। मुख्यमंत्री चौहान से प्रेरणा लेकर प्रदेश में "आओ पेड़ लगाएं-हरा भरा मध्यप्रदेश बनाएं" तथा "एक पेड़-एक जिन्दगी" अभियान संचालित किए गए।

पौध-रोपण में स्थानीय जलवायु और परिवेश के लिए उपयुक्त पौधों को प्राथमिकता

मुख्यमंत्री चौहान पौध-रोपण में स्थानीय जलवायु और परिवेश के अनुरूप पौधे लगाने को प्राथमिकता देते हैं। उनका मानना है कि पेड़ मनुष्यों को तो जीवन देते ही हैं। पशु-पक्षी, जीव-जंतु, कीट-पतंगों को भी आश्रय और जीवन प्रदान करते हैं। अमरकंटक में 19 फरवरी 2021 को नर्मदा जयंती पर गुल बकावली और साल का पौधा लगाकर आरंभ अपने प्रण की पूर्ति के उपक्रम में चौहान ने पारिजात, सप्तपर्णी, अशोक, कदम्ब, हरसिंगार, बेल पत्र, मौलश्री, शीशम, मुनगा, करंज, गुलमोहर, कचनार, हर्र, मधुकामिनी, अर्जुन, नीम, आंवला, विलायती इमली, हल्दू, नीला गुलमोहर, बॉटल ब्रश, कपूर आदि के पौधे लगाए हैं।

मुख्यमंत्री चौहान ने अन्य राज्यों में भी रोपे हैं पौधे

मुख्यमंत्री चौहान ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में प्रवास के दौरान भी पौध-रोपण किया। मुख्यमंत्री चौहान ने प्रदेश के बाहर प्रवास के दौरान गुजरात के भरूच स्थित मनन आश्रम, तमिलनाडु के गोड़ादेवी मंदिर, हरिद्वार, वाराणसी, शिर्डी, नासिक, चिन्नाजीयर स्वामी आश्रम हैदराबाद, माँ त्रिपुर सुंदर मंदिर त्रिपुरा, कान्हा शांति वनम, हार्टफुलनेस संस्थान हैदराबाद, माँ अमृतानंदमयी मठ परिसर केरल, पुदुचेरी और चैन्नई सहित अन्य स्थानों में भी पौधे लगाकर प्रतिदिन पौधे लगाने के अपने प्रण को निरंतर रखा है। प्रतिदिन पौधे लगाने का उनका क्रम निरंतर न केवल जारी है बल्कि प्रदेशवासियों को भी अनुप्राणित कर रहा है। भोपाल में चौहान के साथ ही नहीं प्रदेश के अन्य शहरों, नगरों, कस्बों और गाँवों में भी लोग अपने जीवन के विशिष्ट अवसरों और परिजनों की स्मृति में बड़ी संख्या में पौधे लगाकर उनकी देखभाल कर रहे हैं। चौहान का प्रतिदिन पौधा लगाने का उपक्रम और उसमें बढ़ती जन-सहभागिता इस बात का भी प्रतीक है कि एक व्यक्ति का सच्चे मन से किया गया सार्थक प्रयास कैसे सामूहिकता का रूप ले लेता है।

 

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