दिल्ली में शराब ठेकेदारों के करोड़ों रुपये क्यों माफ किये, BJP ने AAP से पूछे 8 तीखे सवाल
नई दिल्ली
दिल्ली प्रदेश भाजपा ने दिल्ली सरकार पर शराब घोटाले का आरोप लगाते हुए आठ सवाल पूछे हैं। शनिवार को प्रदेश भाजपा कार्यकारी अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा, नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी और सांसद प्रवेश साहिब सिंह ने संयुक्त प्रेसवार्ता कर नई शराब नीति पर सवाल उठाए। भाजपा नेताओं ने कहा कि अगर शराब नीति इतनी पारदर्शी थी और दिल्ली के राजस्व के लिए बेहतर थी तो उसे वापस क्यों लिया गया? भाजपा ने कहा कि इस नीति के विरोध में दिल्ली के आम लोग लामबंद हो गए थे। इस कारण भी योजना को वापस लिया गया। कई गांवों के लोगों ने धरना-प्रदर्शन करके उनके यहां खुली शराब की दुकानों को बंद कराया था।
बीजेपी ने पूछे ये सवाल…
1. अगर शराब घोटाला नहीं हुआ तो सीबीआई जांच शुरू होते ही सरकार ने नई शराब नीति वापस क्यों ली?
2. शराब घोटाले में विजय नायर की गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री ने उन्हे निर्दोष बताकर कहा था की यह गिरफ्तारी गुजरात चुनाव प्रचार बाधित करने को की गई है। अगर नायर शराब घोटाले में दोषी नहीं है तो बार-बार कोशिश के बाद भी उन्हें न्यायालय से जमानत क्यों नही मिल रही?
3. उपमुख्यमंत्री बताएं कि अरुण पिल्लई, समीर महेन्द्रू जैसे नामों से उनका क्या संबंध है और वह उनसे नियमित संपर्क में रहते थे या नहीं?
4. दिल्ली सरकार ने अनाधिकृत कॉलोनियों और रिहायशी क्षेत्रों में शराब के ठेके खोलने की अनुमति क्यों दी?
5. काली सूची के ठेकेदारों को लाइसेंस क्यों दिए और कमीशन को दो से बढ़ाकर 12 क्यों किया गया?
6. नई शराब नीति से दिल्ली सरकार की आय बढ़ने का दावा करने के बावजूद आखिर 3000 करोड़ रुपये का घाटा क्यों हो गया ?
7. शराब डीलरों के 30 करोड़ और ठेकेदारों के 144 करोड़ क्यों माफ किए?
8. ईडी ने शराब घोटाले से जुड़े 74 करोड़ रुपये सील किए हैं। सरकार बताए कि यदि कोई घोटाला नहीं हुआ तो उस जब्त संपति के बारे में ईडी से सवाल क्यों नहीं करते हैं?