September 27, 2024

चालबाज चीन की नई चाल, LAC के पास बिछाने जा रहा नया रेलवे ट्रैक; भारत के लिए कितनी बड़ी टेंशन?

0

नईदिल्ली

चीन अपनी विस्तारवादी नीति को लेकर आगे बढ़ने से बाज नहीं आ रहा है। ड्रैगन नई रेल लाइन बिछाने की तैयारी में है जिसने भारत के लिए फिर से चिंता खड़ी कर दी है। दरअसल, यह रेलवे ट्रैक लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) और विवादित अक्साई चीन से होकर गुजरेगा। इस नए रेलवे प्लान का खुलासा तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (TAR) सरकार की ओर से किया गया है। LAC के पास ड्रैगन की यह गतिविधि भारत और तिब्बत दोनों से लिए ही चिंता का विषय है।

इसी साल 12 जनवरी को सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने चीनी गतिविधियों को लेकर बड़ी जानकारी दी थी। उन्होंने बताया था कि एलएसी पर चीन की सैन्य टुकड़ियों की संख्या में वृद्धि हुई है। मालूम हो कि अक्साई चीन 38,000 स्क्वायर किलोमीटर तक फैला हुआ है जिस पर 1950 के दशक में चीन ने गैरकानूनी तौर पर कब्जा जमा लिया। साथ ही ड्रैगन ने 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान इस क्षेत्र पर अपनी सैन्य पकड़ मजबूत कर ली। यह इलाका अभी भी दोनों देशों के बीच विवाद का विषय बना हुआ है।

इन इलाकों से होकर गुजरेगी रेलवे लाइन
रेलवे टेक्नोलॉजी के मुताबिक, तिब्बत का 'मीडियम टू लॉन्ग-टर्म प्लान' 2025 तक TAR रेल नेटवर्क को मौजूदा 1,400 किमी से बढ़ाकर 4,000 किमी करने में मदद करेगा। रिपोर्ट में बताया गया कि यह प्रोजेक्ट नए मार्गों को कवर करेगा जो भारत और नेपाल के साथ चीन की सीमाओं तक जारी रहेंगे। यह रेलवे ट्रैक तिब्बत के शिगात्से से शुरू होगा और नेपाल सीमा के साथ उत्तर-पश्चिम से होकर गुजरेगा। इसके बाद यह अक्साई चीन के उत्तर से होते झिंजियांग के होतान में समाप्त होगा।

पहला सेक्शन 2025 तक पूरा होने की उम्मीद
रिपोर्ट के मुताबिक, यह प्लान्ड रूट LAC के चीनी साइड रुतोग और पैंगोंग झील के आसपास से होकर भी गुजरेगा। शिगात्से से पखुक्त्सो तक का पहला सेक्शन 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है, जबकि होतान में समाप्त होने वाला बाकी हिस्सा 2035 तक पूरा हो सकता है। सरकारी मीडिया रिपोर्ट में कहा गया, 'सामाजिक आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करने में क्षेत्रीय रेलवे नेटवर्क में सुधार का बहुत महत्व होगा।'

सीमा के पास भारत की तैयारी भी तेज
वहीं, भारत की ओर से भी LAC के पास के इलाकों में निर्माण गतिविधियों तेज हो गई हैं। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में कहा कि भारत ने सामरिक कारणों से चीन के साथ लगती उत्तरी सीमाओं पर बुनियादी ढांचे के तेजी से विकास पर ध्यान केंद्रित किया है। जयशंकर ने बताया कि लद्दाख क्षेत्र में 135 किलोमीटर तक फैली रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चुशुल-डुंगती-फुकचे-डेमचोक सड़क पर काम पिछले महीने शुरू हुआ था। उन्होंने कहा कि चीन के साथ लगती सीमा पर सैनिकों की तैनाती बनाए रखने के लिए आवश्यक 16 प्रमुख दर्रों को रिकॉर्ड समय में और पिछले वर्षों की तुलना में बहुत पहले खोल दिया गया है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *