November 28, 2024

MP के कूनो नेशनल पार्क में आए 12 चीते, PM बोले- भारत की वन्यजीव विविधता को मिला बढ़ावा

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नई दिल्ली
दक्षिण अफ्रिका से कल 12 चीते लाए गए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों के मध्य प्रदेश पहुंचने से भारत की वन्यजीव विविधता को बढ़ावा मिला है। कल 12 चीते मध्य प्रदेश में आए थे जहां से उन्हें श्योपुर जिले के कुनो नेशनल पार्क (केएनपी) में संगरोध बाड़ों में छोड़ दिया गया था। इससे पहले 8 चीते अफ्रीकी देश के नामीबिया से लाए गए थे।

वन्यजीव विविधता को बढ़ावा मिला-पीएम

मध्य प्रदेश में चीतों के पहुंचने पर पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के एक ट्वीट को टैग करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर कहा कि इस विकास से भारत की वन्यजीव विविधता को बढ़ावा मिलता है। तो वहीं भूपेंद्र यादव ने अपने ट्वीट में शनिवार को कहा था कि स्वागत है, पीएम श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में शुरू किया गया प्रोजेक्ट चीता। आज कूनो नेशनल पार्क में एक और माइलस्टोन पहुंच गया है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय कृषि मंत्री की उपस्थिति में 12 चीतों का को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया था.

भारत में 1952 में विलप्त हो गए थे चीते

दक्षिण अमेरिका का इंटर-कांटिनेंटल ट्रांसलोकेशन भारत सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम का हिस्सा है क्योंकि यह भारत में चीता विलुप्त होने के सात दशकों बाद देश में इन जानवरों को फिर से पेश करने के लिए है। देश का अंतिम चीता 1947 में वर्तमान छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में मर गया था और प्रजाति 1952 में विलुप्त घोषित की गई थी। कल दक्षिण अफ्रिका से 12 चीते आने से केएनपी में चीते की संख्या 20 हो गई है। प्रधान मंत्री मोदी ने पिछले साल 17 सितंबर को नामीबिया से केएनपी में आठ फेलिन जारी किए थे। नामीबिया ले लाए 8 चीतों में 5 मादा चीते हैं तो वहीं तीन नर चीते शामिल हैं। इस समय जंगल में पूरी तरह से छोड़ने से पहले वह 8 चीते पार्क में शिकार एन्क्लेव में हैं।

सभी 12 चीतों को क्वारंटीन करने के लिए बनाए गए 2500 वर्ग मीटर के बाड़ो में छोड़ा गया है। इस बार पिंजरों से बाहर निकलते ही चीतों की तेज रफ्तार देखने को मिली थी। कूनो नेशनल पार्क में मौजूद 20 चीतों में से दस नर और दस मादा चीते हैं। दक्षिण अफ्रीका से आए 12 चीतों को 10 क्वारंटीन बोमा में अलग रखा गया है। नर और मादा चीतों को अलग-अलग रखा गया है।

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