November 25, 2024

‘शिवपाल दिखाना चाहते हैं कि पार्टी की लड़ाई ठीक से लड़ेंगे’, सपा विधायकों के प्रदर्शन के बीच केशव का हमला

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 लखनऊ

यूपी विधानमंडल बजट सत्र शुरू होने से पहले विधानभवन के गेट नंबर एक पर सपा विधायकों के प्रदर्शन और धरना देने के बीच डिप्‍टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सपा के राष्‍ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव पर तीखा हमला बोला। उन्‍होंने कहा कि शिवपाल, सपा में लौटने के बाद दिखाना चाहते हैं कि पार्टी की लड़ाई ठीक से लड़ेंगे शायद इसीलिए वह धरने पर बैठे हैं। डिप्‍टी सीएम ने कहा कि जब सदन चल रहा हो तब सदन में अपनी बात रखनी चाहिए। इस तरह विरोध प्रदर्शन करना ठीक नहीं है। यह सिर्फ मीडिया का ध्‍यान खींचने की कोशिश है। शिवपाल हों, अखिलेश हों या फिर पूरी समाजवादी पार्टी इस तरह के धरना-प्रदर्शन से जनता को भ्रमित नहीं कर सकती।

डिप्‍टी सीएम ने कहा कि सपा माहौल खराब करने की कोशिश कर रही है। माफियाओं-गुंडों के खिलाफ कार्रवाई से बौखलाई हुई है। बता दें कि सोमवार की सुबह राज्‍यपाल के अभिभाषण से यूपी विधानमंडल बजट सत्र की शुरुआत होनी है। इसके पहले समाजवादी पार्टी के विधायक हाथों में तख्‍तियां लिए गेट नंबर एक पर पहुंचे। वे परिसर में स्थित चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के पास तक जाना चाहते थे लेकिन उन्‍हें वहीं रोक दिया गया। इसके बाद विधायकों ने वहीं विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान पुलिस और मार्शल से विधायकों की नोकझोंक भी हुई। मार्शल ने विधायकों को गोद में उठाकर हटाने की कोशिश की तो वे वहीं धरने पर बैठ गए। उनके साथ शिवपाल सिंह यादव भी धरने पर बैठे। गौरतलब है कि इसी गेट पर थोड़ी ही देर में राज्‍यपाल के पहुंचने और वहां मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ द्वारा उनका स्‍वागत किए जाने के कार्यक्रम के चलते सुरक्षाकर्मियों की पूरी चिंता विरोध कर रहे विधायकों को जल्‍द से जल्‍द वहां से हटाने की थी। थोड़ी देर तक चली खींचतान के बाद किसी तरह विधायकों को वहां से हटाया गया।

केशव मौर्य ने जातीय जनगणना की मांग को बताया भ्रम फैलाने की कोशिश
डिप्‍टी सीएम केशव मौर्य ने जातीय जनगणना की मांग को लेकर भी सपा पर हमला बोला है। रविवार को उन्‍होंने कहा था कि अखिलेश यादव द्वारा जातीय जनगणना की बात करना केवल उनका ढोंग है। अखिलेश यादव जब सरकार में थे तब मौनी बाबा बने हुए थे। पहले अखिलेश समाप्त हो रही सपा को बचाने के लिए अध्यक्ष पद किसी और को सौंप दें और जातिगत न्याय की शुरुआत संगठन से करें।

 

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