नशे की हालत में वाहन चलाने वालों पर सरकार सख्त, हमेशा के लिए निरस्त हो जाएगा ड्रायविंग लायसेंस
भोपाल
प्रदेश की नई आबकारी नीति में सरकार सख्त प्रावधान लाने जा रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि यदि कोई व्यक्ति तीसरी बार नशे में वाहन चलाते पकड़ा जाता है तो उसका ड्रायविंग लायसेंस हमेशा के लिए निरस्त कर दिया जाएगा। इसके साथ ही सरकार नशामुक्ति के लिए जनजागरुकता अभियान चलाएगी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में नशे की हालत में वाहन चलाने वालों पर एक्शन के लिए सरकार सख्त है। इसलिए नई आबकारी नीति में यह व्यवस्था कर रहे हैं कि शराब पीने वालों को हतोत्साहित किया जाए। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इसी तारतम्य में यह फैसला किया है कि नशा करके वाहन चलाने वालों पर सख्त कार्यवाही हो। इसके लिए जो व्यवस्था तय की गई है उसके अनुसार पहली बार नशे की हालत में वाहन चलाते पाए जाने पर छह माह के लिए ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त किया जाएगा।
इसके बाद दूसरी बार पकड़े गए तो दो साल के लिए लाइसेंस निरस्त होगा और अगर तीसरी बार भी नशे की हालत में वाहन चलाते पकड़े गए तो आजीवन लाइसेंस निरस्त हो जाएगा। फिर ऐसे व्यक्ति को वाहन चलाने की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने कहा कि सरकार नशे में वाहन चलाने वालों की धरपकड़ के लिए भी काम करेगी क्योंकि अक्सर यह बात सामने आती है कि नशे में वाहन चलाने के कारण दुर्घटना में खुद की जान गंवाई और दूसरों की भी जान ले ली। लाइसेंस निरस्तगी की सख्ती के जरिये भी सरकार नशे को हतोत्साहित करेगी। साथ ही नशामुक्ति के प्रचार के लिए भी अधिकतम राशि का प्रावधान किया जाएगा।
दिग्विजय पर तंज, जिसके कंधे पर हाथ रखा, उसका परम कल्याण
सीएम चौहान ने मीडिया से चर्चा करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के प्रचार पर भी तंज कसा है। उन्होंने कहा कि दिग्विजय जिसके कंधे पर हाथ रख देते हैं, उसका परम कल्याण हो जाता है। वे कहते क्या हैं, करते क्या हैं और होता क्या है, यह कोई नहीं जानता? सीएम ने पीसीसी चीफ कमलनाथ से भी सवाल किया कि उनके कार्यकाल में कानून व्यवस्था में सुधार के लिए पुलिस हेल्पलाइन की बात कही गई थी तो उन्होंने अपने कार्यकाल में इसकी व्यवस्था क्यों नहीं की, इसका जवाब दें।
नशामुक्ति, जागरुकता के लिए 50 करोड़ का बजट
प्रदेश में नशामुक्ति के लिए लोगों को प्रेरित के प्रचार-प्रसार करने के लिए सामाजिक न्याय विभाग को इस बार पचास करोड़ से अधिक की राशि दी जा सकती है। इस पर भी कैबिनेट में चर्चा हुई थी कि इस बजट को बढ़ाया जाना चाहिए।
नवीनीकरण फीस का प्रस्ताव ज्यों का त्यों मंजूर
नीति में दस प्रतिशत राशि बढ़ाकर दुकानों के नवीनीकरण का प्रस्ताव था उसे कैबिनेट ने ज्यों का त्यों मान लिया। पिछले साल शराब की बिक्री से राज्य सरकार को 11 हजार 940 करोड़ का राजस्व मिला था। अब सरकार इन्हें दस प्रतिशत मूल्य बढ़ाकर नवीनीकरण कर सकेगी।
100 मीटर पर सिमटी स्कूल, धार्मिक स्थलों से शराब दुकान की दूरी
शैक्षणिक संस्थानों, स्कूलों और मंदिरों से कितनी दूरी तक की दुकाने बंद करना है इसको लेकर विभाग ने तो कुछ ज्यादा तैयारी की थी लेकिन फैसला हुआ तो यह दूरी सौ मीटर पर सिमट गई। इसके चलते अब विभाग को फिर नये सिरे से कवायद करनी होगी। शैक्षणिक संस्थानों और मंदिरों के पांच सौ मीटर के दायरे में लगभग पंद्रह सौ दुकानें आ रही थी। लेकिन अब फैसले के अनुसार सौ मीटर के दायरे में आने वाली दुकानों का फिर से सर्वे शुरु कराया जाएगा। यह सर्वे दो दिन बाद शुरु होगा। प्रदेशभर में जहां जनप्रतिनिधियों द्वारा दुकानों का विरोध किया जा रहा है। जहां मोहल्ले के लोग विरोध कर रहे है। इन सबका भी सर्वे होगा। इसके बाद इन दुकानों को मौजूदा स्थानों से बंद कर इनके लिए दूसरे स्थान देखे जाएंगे जहां विरोध न हो और दुकानों की बिक्री, राजस्व भी प्रभावित नहीं हो। ये दुकाने दूसरी जगह शिफ्ट होंगी।