हर पूर्णिमा के दिन भगवान शिव व पार्वती करते हैं मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग में वास : पंडित खिलेंद्र दुबे
रायपुर
ऊँ नम: शिवाय शुभम कुरु कुरु शिवय नम: ऊँ का जाप करने से भवागन शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंग प्रसंन्न हो जाते है। हर पूर्णिमा के दिन भगवान शिव व माता पार्वती मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग में वास करते हैं। गुरु वह है जो अपने मंत्रों से शिष्यों को स्तुति करा दें। चंडाल दोष को हटाने के लिए भगवान शिव में एक लोटा जल व पीपल के पेड़ में दूध, ज्वां, सफेल तिली और पानी मिलाकर 43 दिन डालना चाहिए। खमतराई के दोना पत्तल फेक्टरी बम्हदाई पारा में चल रह श्री शिव महापुराण कथा व महाशिवरात्रि रुद्राभिषेक कार्यक्रम के सातवें दिन पंडित खिलेंद्र दुबे ने श्रद्धालुओं को बताया। कथा श्रवण करने के लिए आज रायपुर पश्चिम विधायक व संसदीय सचिव विकास उपाध्याय, पूर्व मंत्री राजेश मूणत, समाजसेवी बसंत अग्रवाल भी पहुंचे।
श्रद्धालुओं को बताते हुए पंडित दुबे कहा कि जिस घर में रिद्धि और सिद्धि का नाम लिखा रहता है उस घर में हमेशा लाभ ही होता है, इसलिए घर के बाहर हमेशा शुभ और लाभ खिलना चाहिए। मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग की कथा जो सुनता है उसके घर में सुख और शांति हमेशा व्याप्त रहता है। मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग में शिव और पार्वती वास करते है इसलिए जो भी उसकी पूजा करता है उसको शिव और पार्वती का फल प्राप्त होता है। हर पूर्णिमा के दिन भगवान शिव व पार्वती वहां जाते है और मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग में वास करते है। इस संसार में जो कोई भी आया है उसको एक दिन जाना ही पड़ेगा। शिवजी की आयु की गणना नहीं है लेकिन ब्रह्मा जी की आयु की गणना है। सब अपने कर्म को जानते है और कर्म के अनुसार ही उसको जाना पड़ता है। जीव के शरीर की क्षति होती है लेकिन आत्मा की नहीं। माँ पार्वती ने 16 सोमवार व्रत किया तब कहीं जाकर भगवान कार्तिक माने थे। 16 सोमवार व्रत करने वाले श्रद्धालू जब भी भगवान को भोग लगाएं तो एक हिस्सा माता को, एक हिस्सा भगवान शिव को, एक हिस्से को अपने लिए बचा लें और एक हिस्से को जीव-जंतु को खिलाने के साथ ही श्रद्धालुजनों को बांटे। भगवान को जब भी फूल चढ़ाएं खिला हुआ चढ़ाए।
पंडित दुबे ने कहा कि सभी का गुरु होना जरुरी है और गुरु को भी अपने शिष्यों से बात करना चाहिए जिससे उनकी समस्याओं का समाधान हो सकें। ऐसा गुरु नहीं होना चाहिए जो मरने के बाद सिर्फ दान ही लेने आए। गुरु वह है जो अपने मंत्रों से शिष्यों को स्तुति करा दें और आपको अंधकार से निकाल दें। चंडाल दोष को हटाने के लिए भगवान शिव में एक लोटा जल, पीपल के पेड़ में दूध, जवां, सफेल तिली और पानी मिलाकर 43 दिन डालना पड़ता है, उसके कुछ दिनों बाद फल को जरुर प्राप्त होगा। दुनिया का कोई भगवान पूजा करने से नाराज होता नहीं है चाहे वह किसी भी धर्म का भगवान क्यों न हो। शिव द्रोही करोगे को महल जलना शुरू हो जाएगा। ऊँ नम: शिवाय शुभम कुरु कुरु शिवय नम: ऊँ का जाप करने से भवागन शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंग प्रसंन्न हो जाते है। इससे जीवन में हमेशा शुभ ही शुभ होता है कभी अशुभ होता नहीं है। नाराज हो जाओ लेकिन क्रोध कभी मत करो। जैसे शरीर को बनाओंगे वह वैसा काम करता है और जैसा स्वभाव रखोगे वह वैसा रहता है। किसी की पत्नी व बहु पर गलत विचार रखना बहुत बड़ा पाप है।