November 27, 2024

बिजली मंत्रालय ने आयातित कोयला आधारित बिजलीघरों से पूरी क्षमता पर काम करने को कहा

0

नई दिल्ली
 बिजली मंत्रालय ने सभी आयातित कोयला आधारित बिजलीघरों से 16 मार्च से 15 जून तक पूर्ण क्षमता पर काम करने को कहा है। इस साल बिजली की मांग बढ़ने की संभावना को देखते हुए यह निर्देश दिया गया है।

विद्युत अधिनियम की धारा 11 के तहत उत्पादन और आपूर्ति के लिये जारी आदेश 16 मार्च, 2023 से 15 जून, 2023 के लिये है। यह नोटिस आयातित कोयले का उपयोग करने वाले 15 बिजलीघरों को भेजा गया है।

उल्लेखनीय है कि मंत्रालय ने पिछले साल मई में भी इन बिजलीघरों के लिये पूर्ण क्षमता पर काम करने को लेकर आदेश जारी किये थे।

इन 15 आयातित कोयला आधारित बिजलीघरों में गुजरात के मुंदड़ा में टाटा पावर और अडाणी पावर के संयंत्र, सलाया (गुजरात) में एस्सार पावर बिजलीघर, जेएसडब्ल्यू रत्नागिरी, टाटा ट्रॉम्बे, उडुपी पावर (कर्नाटक), मीनाक्षी एनर्जी (आंध्र प्रदेश) और जेएसडब्ल्यू तोरांगल्लू (कर्नाटक) शामिल हैं।

देश में बिजली की अधिकतम मांग 2,30,000 मेगावॉट पर पहुंचने का अनुमान है।

केंद्रीय बिजली सचिव आलोक कुमार ने पिछले साल दिसंबर में कहा था कि सरकार 2,30,000 मेगावॉट बिजली की मांग को पूरा करने के लिये हरसंभव कदम उठाएगी। अप्रैल, 2023 में मांग इस स्तर पर पहुंचने का अनुमान है।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 26 अप्रैल, 2022 को बिजली की अधिकतम मांग 2,01,066 मेगावॉट पर पहुंच गई थी।

कोयला आधारित बिजलीघरों को भेजे गये नोटिस में कहा गया है, ‘‘इस साल अप्रैल में बिजली की अधिकतम मांग 2,29,000 मेगावॉट पहुंचने का अनुमान है। इस मांग को पूरा करने के लिये तापीय बिजलीघरों से 1,93,000 मेगावॉट बिजली की जरूरत होगी।’’

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *