धर्मनाथ जिनालय व जिनकुशल सूरी दादाबाड़ी प्रतिष्ठा महोत्सव आज से
रायपुर
दस दिवसीय धर्मनाथ जिनालय एवं जिनकुशल सूरी दादाबाड़ी प्रतिष्ठा महोत्सव गुरुवार से प्रारम्भ हो रहा है। इसकी पहली कड़ी में सुबह जल शोभायात्रा के रूप में खारून नदी तट से जल लेकर जैन समाज की श्रावक-श्राविकाएँ श्री सम्भावनाथ जिनालय विवेकानंद नगर पहुंचेंगी। जहां गच्छाधिपति, आचार्य भगवं, साधु साध्वी भगवन्तो का आशीर्वाद लेंगी। अंजनशालाका, प्रतिष्ठा, दीक्षा संपन्न करवाने 70 साधु-साध्वी रायपुर पधार चुके हैं। गच्छाधिपति, आचार्य भगवन्तो ने अपने हितोपदेश में आज सभी को परमात्मा को अपने ह्रदय में उतारने और प्रतिष्ठित करने हेतु हित शिक्षा दी है, गुरु के पथ पर चलने से परमात्मा प्राप्त होते है इसलिए गुरु के द्वारा बताये मार्ग पर सदा चलना चाहिए।
श्री सम्भावनाथ जिनालय से 24 फरवरी को सुबह 8.30 बजे इस शुद्ध जल के साथ मूलनायक धर्मनाथ भगवान, शांतिनाथ भगवान, मुनिसुव्रत स्वामी जी, गौतम स्वामी जी, चारो दादा गुरुदेव आदि सभी परमात्माओं और देवी देवताओं की प्रतिमा को चतुर्विध संघ शोभा यात्रा के साथ नवनिर्मित धवल संगमरमर के पाषाण से निर्मित मनोहारी दादाबाड़ी में प्रवेश करवाएगा। यह शोभा यात्रा विवेकानंदनगर से सदरबाजार, सत्तीबाजार, तात्यापारा फूल चौक होते हुए एमजी रोड दादाबाड़ी पहुंचेगी।
गच्छाधिपति प्रतिष्ठाचार्य अवंति तीर्थोद्धारक आचार्य श्री जिनमणि प्रभ सूरीश्वर जी म. सा.जिनका संयम स्वर्णिम 50 वां वर्ष चल रहा है। सकल संघ को आशीर्वाद देने 7 साल बाद रायपुर की धन्य धरा पर परमात्मा को प्रतिष्ठित करवाने हेतु पधारे हैं। नमिऊण तीर्थोद्धारक छत्तीसगढ़ श्रृंगार आचार्य श्री जिन पियूष सागर जी म.सा. अपनी पियूष की वर्षा करने पधार गए है। चेन्नई से रायपुर तक का पैदल विहार करके साध्वी मंजुला श्रीजी म.सा. लम्बे अंतराल के बाद रायपुर पधार गई है, जिनकी निश्रा पाकर 2 मार्च को को कु. प्रज्ञा की भगवती दीक्षा सम्पन्न होनी है। यह जैन समाज के लिए धन्य घड़ी है, जैन समाज को गुरु और गोविन्द एक साथ मिल रहें हैं, ये गुरुओं का ही आर्शिवाद है कि परमात्मा को नवीन जिनालय में प्रतिष्ठित और अंजनशालाका, प्रतिष्ठा, दीक्षा संपन्न करवाने लगभग 70 साधु साध्वी रायपुर आ चुके है।