September 24, 2024

चुनाव करीब सरकार को दबाव में लाने, हर विभाग के कर्मचारी हड़ताल के मूड में

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भोपाल

मध्य प्रदेश में जैसे-वैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे दबाव की राजनीति बढ़ती नजर आ रही है. सभी विभागों के आउटसोर्स और संविदा कर्मचारी सरकार पर आंदोलन के जरिये नियमित करने का दबाव बना रहे हैं. चुनावों से पहले स्कूल शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग और आउटसोर्स कर्मचारी पेंशन बहाली, नियमितीकरण जैसी मांगों को लेकर आंदोलन करने जा रहे हैं. इस मामले को लेकर जहां सरकार आश्वासन देकर कर्मचारियों को शांत करने की कोशिश कर रही है, वहीं विपक्ष भी कर्मचारियों के एक बड़े तबके को लुभाने की हर संभव कोशिश कर रहा है.

बता दें, स्वास्थ्य विभाग में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने हाल ही में नियमितीकरण की मांग को लेकर आंदोलन किया. संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की संख्या लगभग 15 हजार के करीब है. दूसरी ओर, 70 हजार के करीब अतिथि शिक्षक नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं, तो वहीं, करीब 5 हजार अतिथि विद्वान नियमितीकरण को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. सहकारिता विभाग के कर्मचारियों नियमितीकरण को लेकर आंदोलन की राह पकड़ी हुई है. पेंशन बहाली को लेकर सभी विभागों के कर्मचारी लामबंद हैं. इनके अलावा 24 हजार बिजली कर्मचारियों ने हाल ही में आंदोलन के जरिये विभागीय अधिकारियों, मंत्रियों पर दबाव बनाया था.

हम जांचे परखे और खरे हैं, कर्मचारियों ने हमें आजमाया है-बीजेपी
एमपी में कर्मचारियों के आंदोलन और हड़ताल की सियासत को लेकर बीजेपी का कहना है कि हड़ताल की परंपरा समाप्त होनी चाहिए. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लगातार हर वर्ग के कल्याण के लिए काम किया है. सभी को साधन संपन्न बनाने की तरफ प्रयास किया है. हर वर्ग चाहे गरीब हो, मध्यम वर्ग हो, सरकार कर्मचारियों के कल्याण के लिए लगातार काम कर रही है. हड़ताल करने का कोई अर्थ नहीं है. बीजेपी ने कहा, हम जांचे परखे हुए और खरे हैं. कर्मचारियों के लिए आजमाए हुए हैं.

18 साल में कर्मचारियों को नियमित नहीं कर पाई सरकार- कांग्रेस
कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर कांग्रेस ने कहा है कि कर्मचारियों के साथ अब तक न्याय नहीं हुआ. मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार जब से बनी है, तब से कर्मचारियों को नियमित नहीं किया गया है. हर विभाग में नियमित कर्मचारियों की जगह आउट सोर्स कर्मचारी ही मिलेंगे. कर्मचारियों के साथ लगातार अन्याय हो रहा है. कर्मचारियों का शोषण हो रहा है. अपना हक मांगना, न्याय मांगना कोई गलत बात नहीं है. अगर समस्याओं का समाधान किया होता तो आज यह नौबत नहीं आती.

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