सदन में एक दूसरे पर जमकर बरसे, फिर लंच में साथ दिखे अखिलेश यादव-योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बीच जिस तरह से विधानसभा के भीतर तीखी नोंकझोंक देखने को मिली उसके बाद दोनों नेताओं के बीच काफी तल्खी देखने को मिली। एक तरफ जहां अखिलेश यादव योगी आदित्यनाथ को कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर घेरते दिखे तो दूसरी तरफ योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव को यहां तक कह दिया कि आप तो अपने पिता का सम्मान नहीं कर सके। दोनों नेताओं के बीच तल्ख बयानबाजी के बीच विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने लंच पर बुलाया और इस तल्खी को कम करने की कोशिश की। दोनों की साथ में तस्वीरें भी सामने आई हैं जिसमे देखा जा सकता है कि अखिलेश और योगी आदित्यनाथ मुस्कुरा रहे हैं।
राजनीति में कोई भी स्थायी दुश्मन और दोस्त नहीं होता है। अक्सर इस तरह की घटनाएं देखने को मिलती हैं जब दो दलों के नेता आपस में भिड़ते हैं और एक दूसरे को भला-बुरा कहते हैं लेकिन बाद में दोनों ही नेता एक साथ भी नजर आते हैं। अखिलेश यादव किसी भी मौके पर योगी आदित्यनाथ को घेरने से नहीं चूकते हैं। यहां तक कि योगी आदित्यनाथ पूर्व की सरकारों को कामकाज को लेकर सपा सुप्रीम को कई मौके पर कटघरे में खड़ा कर चुके हैं। दरअसल प्रयागराज में जिस तरह से दिन दहाड़े गोली कांड हुआ उसपर दोनों नेताओं में जमकर बहस हुई। चाचा शिवपाल के साथ पहुंचे थे लंच पर बहस के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने दोनों नेताओं को लंच पर बुलाया था। अखिलेश यादव चाचा शिवपाल यादव, विधायक मनोज पांडे के साथ एक ही गाड़ी से लंच में पहुंचे थे।
अखिलेश यादव ने इस मुलाकात के बाद सतीश महाना को कहा कि मैं आपको बधाई देता हूं कि आपने ने पक्ष और विपक्ष दोनों को बुलाया। हालांकि अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि विधानसभा अध्यक्ष जानते हैं कि कैसे खाना खाया गया, उस बारे में मैं ज्यादा नहीं बताऊंगा। मेरा विधानसभा अध्यक्ष से परिचय काफी पुराना है। मैं उन्हें तबसे जानता हूं जब सिर्फ उनके खाने में ही नहीं बल्कि उनके भीतर भी मिठास होती थी। अब खाना मुख्यमंत्री को मीठा लगा या नहीं यह तो वही बताएंगे। प्रयागराज की घटना निंदनीय इस लंच के बाद सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह ने कहा कि यह काफी अच्छी परंपरा है। हम मुद्दों पर राजनीति करते हैं और सरकार की आलोचना करते हैं, उन्हें सुझाव भी देते हैं। लेकिन जब हम खाने पर मिलते हैं, शादी समारोह पर मिलते हैं तो समाज में यह संदेश देने की कोशिश करते हैं कि राजनीति अपनी जगह और आपसी संबंध अपनी जगह। प्रयागराज में जो भी हुआ वह नहीं होना चाहिए चाहिए था, यह निंदनीय है, सरकार को सख्त और त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाना चाहिए।