JP हॉस्पिटल में बेड फुल, छोटे बच्चों में फैल रहा निमोनिया
भोपाल
शहर में इन दिनों तापमान में 12 से 14 डिग्री का अंतर है। दिन में तेज धूप के अलावा निर्माण कार्य के चलते धूल और वायु प्रदूषण के कारण गले में खराश, जुकाम-खांसी, बदन दर्द और बुखार, अस्थमा अटैक जैसे मामले बढ़ रहे हैं। साथ ही छोटे बच्चों में वायरल निमोनिया के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं। हाल यह है कि जेपी अस्पताल में बच्चों के लिए आरक्षित 25 बेड को बढ़ा कर 40 कर दिया गया है। इसके बाद भी सभी भरे हुए हैं। बच्चों की ओपीडी भी 70 से बढ़कर 150 के पार पहुंच गई है। इसमें 70 फीसदी के करीब बच्चे वायरल निमोनिया के आ रहे हैं।
निमोनिया : खांसने और छींकने से है फैलता
निमोनिया तब फैलता है जब किसी के खांसने या छींकने पर बैक्टीरिया या वायरस की बूंदें हवा में फैल जाती हैं फिर दूसरों के सांस लेने पर उनमें प्रवेश कर जाता है। इसके अलावा बच्चों में यह तेजी से फैलता है। इसलिए डॉक्टर सलाह देते हैं कि संक्रमित बच्चे से अन्य स्वास्थ्य बच्चों को दूर रखना चाहिए।
खांसी से ज्यादा संक्रमण
- समय-समय पर बच्चों को पानी पिलाएं, जिससे उनमें पानी की कमी न हो सके।
- कमरे के तापमान को सामान्य बनाए रखें, रात को तेज पंखे में बच्चों को न सुलाएं।
- बच्चों का स्वास्थ्य में जरा सा भी बदलाव दिखे तो डॉक्टर को दिखाएं, जिससे समय रहते बीमारी को फैलने से रोका जा सके।
वर्तमान में सबसे अधिक मामले बच्चों में वायरल निमोनिया के आ रहे हैं। इसमें सबसे ज्यादा प्रभावित दो महीने से दो साल तक के बच्चे हो रहे हैं। यह सीजनल बीमारी है। इसमें सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। पिछले कुछ दिनों में बच्चों की ओपीडी की संख्या 70 से बढ़कर 150 के पार पहुंच गई है।
डॉ. राकेश भार्गव, शिशु रोग विशेषज्ञ