दोनों आंखों के मोतियाबिंद से उपजे अंधत्व से मुक्त हुआ धमतरी जिला
धमतरी
राज्य शासन के निर्देश के परिपालन में दोनों आंखों में मोतियाबंद से उपजे अंधत्व के मामले में धमतरी जिले ने शत-प्रतिशत कामयाबी हासिल कर ली है। सर्वेक्षण किए गए सभी चिन्हांकित मरीजों का जिला अस्पताल में सफलतापूर्वक ऑपरेशन कर लिया गया है। अब वे अपनी आंखों से चीजों को देख पा रहे हैं। इस संबंध में बताया गया कि अप्रैल 2022 से दोनों आंखों से मोतियाबिंद वाले मरीजों का सर्वेक्षण किया गया, जिसमें 223 मरीज पाए गए थे, इन सभी का ऑपरेशन किया गया है।
इस संबंध में बताया गया कि दोनों आंखों में मोतियाबिंद हो जाने से मरीज को तीन मीटर से अधिक दूरी का ऑब्जेक्ट दिखाई नहीं देता। यह एक तरह का अंधत्व की स्थिति है जिसके चलते मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसे दृष्टिगत करते हुए राज्य शासन ने दोनों आंखों में मोतियाबिंद से प्रभावित मरीजों को सर्वे कराने के निर्देश दिए, ताकि उन्हें कम से एक आंख से दिखाई दे और वे सामान्य लोगों की तरह जीवन-यापन कर सके। उक्त निर्देश के परिपालन में गत वर्ष अप्रैल माह से अब तक 223 मरीजों का चिन्हांकन किया गया, जिनका सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया गया।
अंधत्व नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. जे.एस. खालसा ने बताया कि मोतियाबिंद उम्र के साथ उपजने वाली बीमारी है जिसके कारण मरीज की आंखों की दृश्यमानता कम हो जाती है और धुंधला दिखाई देने लगता है। उन्होंने बताया कि यह उपचार योग्य होता है, जिसे 10-15 मिनट के ऑपरेशन से ठीक किया जाना संभव है। कलेक्टर श्री ऋतुराज रघुवंशी के निदेर्शानुसार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.के. मण्डल के मार्गदर्शन में जिले के गांवों एवं शहरों में सघन सर्वे कराया गया और चिन्हांकित सभी 223 मरीजों का ऑपरेशन किया गया। दोनों आंखों से मोतियाबिंद के मरीज आज अपनी आंखों की ज्योति पाने में सफल हैं और सामान्य लोगों की तरह जीवन-यापन कर रहे हैं। अंधत्व नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी ने यह भी बताया कि इसी तारतम्य में जिला अस्पताल में अप्रैल 2022 से अब तक मोतियाबिंद के तीन हजार 350 मरीजों का सफल ऑपरेशन किया गया। जिला अस्पताल के साथ-साथ निजी स्वास्थ्य संस्थानों में भी अब तक किए गए ऑपरेशन से पिछले एक साल में पांच हजार मरीजों की आंखों का सफलतम आॅपरेशन किया गया है। इस कार्य में अस्पताल अधीक्षक सह सिविल सर्जन डॉ. ए.के. टोंडर सहित सम्पूर्ण स्टाफ का सतत् परिश्रम रहा, जिसके परिणामस्वरूप धमतरी जिला दोनों आंखों के मोतियाबिंद से हुए अंधत्व की स्थिति को नियंत्रित कर लिया गया है।