125 करोड़ी इंजीनियर वीरेंद्र राम निलंबित, सहयोगियों की फूली सांस; कस रहा ED का शिकंजा
नई दिल्ली
ग्रामीण कार्य विकास के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के बाद उनके सहयोगियों पर भी ईडी का शिकंजा कसने लगा है। ईडी की टीम ने सोमवार को वीरेंद्र राम के सहयोगी असिस्टेंट इंजीनियर रामपुकार राम राम के यहां भी छापेमारी की। यह रेड लालपुर में पीस रोड स्थित रामपुकार के द्वारिकेश अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 401 में हुई। गौरतलबहै कि इससे पहले ग्रामीण कार्य विकास विभाग के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम को अगले आदेश तक के लिए निलंबित कर दिया गया है।
ग्रामीण कार्य विभाग में तैनात हैं रामपुकार
रामपुकार जल संसाधन विभाग में इंजीनियर हैं, लेकिन उनकी तैनाती वीरेंद्र राम के साथ ही ग्रामीण कार्य विभाग में रही है। बताया जाता है कि वीरेंद्र जिन टेंडरों को फाइनल करते थे, उनकी कमेटी में रामपुकार सदस्य होते थे। सूत्रों सो मिली जानकारी के मुताबिक, हाई वैल्यू टेंडर की कमेटी में रामपुकार द्वारा वैसे ठेकेदारों या कंपनियों के टेंडर पेपर में कमी बतार रिजेक्ट कर दिया जाता था, जो निविदा राशि से भी कम पर काम को तैयार रहते थे। इसके बाद पसंदीदा ठेकेदार या कंपनी को अधिक रेट पर काम दिया जाता था।
छापेमारी के दौरान फटे मिले डायरी के पन्ने
सूत्रों ने बताया कि रामकुमार के यहां छापेमारी के दौरान कुछ डायरियां मिली हैं। उनके बीच के कई पेज गायब हैं। आशंका है कि उनमें टेंडर से जुड़ी जानकारी या कमीशनखोरी का जिक्र होगा। छापेमारी के बाद देर शाम ईडी अधिकारियों ने इंजीनियर रामपुकार राम को देर शाम हिरासत में ले लिया। फिलहाल ईडी अधिकारी उनसे कई विषयों पर पूछताछ कर रहे हैं। ईडी अधिकारियों की पूछताछ देर रात खबर लिखे जाने तक जारी थी।
रामपुकार को सताने लगा था छापेमारी का डर
ईडी ने जब वीरेंद्र के यहां छापेमारी की, तब रामपुकार को भी छापे का डर सताने लगा था। इसलिए उसने टेंडर में कमीशनखोरी से जुड़े कई साक्ष्य मिटा दिए। ईडी जब सोमवार को छापेमारी करने पहुंची तो रामपुकार ने अपना मोबाइल बदल लिया था। ईडी ने इस संबंध में पूछताछ की तो रामपुकार कोई संतोषजनक जवाब राम नहीं दे सके। रामपुकार को आशंका थी कि ईडी पुराने मोबाइल से भी डाटा निकाल लेंगे। इसलिए उन्होंने मोबाइल बदल कर कई सारे कॉलिंग व चैटिंग ऐप भी हटा दिए थे।