November 25, 2024

307 स्वदेशी ATAGS होवित्जर तोप खरीदेगी सेना, चीन-पाकिस्तान सीमा पर होगी तैनाती

0

 नई दिल्ली

भारतीय सेना चीन से सटे वास्तविक नियंत्रण रेखा और पाकिस्तान से सटी सीमा पर स्वदेश में बनी होवित्जर तोपों की तैनाती करना चाहती है। इसके लिए उसने 307 तोप खरीदने की तैयारी पूरी कर ली है। इस तोप की रेंज 50 किलोमीटर है और इसे अपनी श्रेणी के बेहतरीन तोप होने का गौरव प्राप्त है। पिछले साल 15 अगस्त को लालकिले पर एडवांस टो आर्टिलरी गन सिस्टम से ही 21 तोपों की सलामी दी गई थी। पिछले साल ही पोखरण फायरिंग रेंज में इसके सभी ट्रायल पूरे कर लिए गए थे; और सेना भी विभिन्न ऊचाइयों और क्षेत्रों में इसका परीक्षण कर रही है।

चीन-पाकिस्तान सीमा पर स्वदेशी तोप की तैनाती
भारतीय सेना ने रक्षा मंत्रालय को चीन और पाकिस्तान की सीमा पर तैनाती के लिए 307 एडवांस टो आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) खरीदने का प्रस्ताव दिया है। इसे रक्षा क्षेत्र में 'मेक इन इंडिया' अभियान को बढ़ावा देने वाला बहुत ही बड़ा कदम बताया जा रहा है। रक्षा मंत्रालय को भारतीय सेना से एक अरब अमेरिकी डॉलर कीमत का यह प्रस्ताव मिला है, जिसपर चर्चा चल रही है। न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक इस प्रस्ताव को जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए कैबिनेट की सुरक्षा मंत्रालय की समिति के पास मंजूरी के लिए भेज दिया गया है।

अधिकारियों के मुताबिक स्वदेशी होवित्जर तोप का यह पहला ऑर्डर होगा। यह तोप करीब 50 किलोमीटर तक मार कर सकता है और इसे अपने क्लास का बेहतरीन तोप माना जाता है। सेना विभिन्न ऊंचाइयों और इलाकों में इसकी ट्रायल कर रही है। अधिकारियों ने बताया है कि यूजर्स के सुझावों के मुताबिक इन तोपों को अपग्रेड भी किया गया है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने दो निजी फर्मों टाटा एडवांस्ड सिस्टम और भारत फोर्ज ग्रुप को रॉ होवित्जर की टेक्नोलॉजी और उसके बारे में जानकारी साझा की है और वे सेना को 320 हाई मोबिलिटी व्हीकल समेत इस सिस्टम की भी सप्लाई करेंगे।

155 मिमी/52 क्षमता के ATAGS की ट्रायल 26 अप्रैल से 2 मई के बीच पोखरण फील्ड फाइरिंग रेंज में पूरी कर ली गई थी। बयान में कहा गया है कि एटीएजीएस एक स्वदेशी टो आर्टिलरी गन सिस्टम प्रोजेक्ट है, जिसे डीआरडीओ द्वारा भारतीय सेना के आर्टिलरी मॉडर्नाइजेशन के तहत मिशन मोड में लिया गया है। पुणे की आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (ARDE) एटीएजीएस की डिजाइन और डेवलपमेंट के लिए डीआरडीओ की लैबोरेटरी के साथ इसकी नोडल लैबोरेटरी है।

इन तोपों का विकास दो औद्योगिक साझेदारों, टाटा एडवांस्ड सिस्टम लिमिटेड और भारत फोर्ज लिमिटेड के अलावा अन्य उद्योगों के सक्रिय भागीदारी में किया गया है। इन तोपों की अलग-अलग जोन में मल्टीपल राउंड की फायरिंग के साथ इसकी विश्वसनीयता की पुष्टि की गई है। डीआरडीओ ने हाल ही में कहा था कि रेंज में उच्च सटीकता और निरंतरता और अधिकतम रेंज के साथ इसकी लाइन स्थापित की गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *