November 25, 2024

भ्रष्टाचार के 32 मामलों में सैकड़ों इंजीनियर-कर्मचारियों पर एक्शन अभियोजन स्वीकृति में अटका…

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भोपाल

नगरीय निकायों में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है। लोकायुक्त ने प्रदेशभर में निकायों में भ्रष्टाचार के 32 मामले दर्ज किए है। इन मामलों में यहां काम करने वाले इंजीनियरों, सुपरवाईजरों, लेखापालों से लेकर सैकड़ों कर्मचारियों पर प्रकरण दर्ज है। लोकायुक्त ने इन सभी पर अभियोजन स्वीकृति मांगी है। राज्य शासन स्तर पर अभियोजन स्वीकृति नहीं मिलने के कारण इनके खिलाफ आगे कार्यवाही नहीं हो पा रही है। नगरीय निकायों में बनने वाली सड़कों, भवनों, नालियों, सीवेज लाईन, जलप्रदाय लाइनों  से लेकर कई कामों में भ्रष्टाचार की शिकायतों पर लोकायुक्त ने छापे डालकर प्रकरण दर्ज किए है। भिंड जिले ऐसे छह मामले दर्ज है। इसके अलावा देवास, जिले में दो, बड़वानी, भोपाल, मंडला, खंडवा,आगरमालवा, जबलपुर, उज्जैन, रतलाम, ग्वालियर,जबलपुर, सीहोर, शिवपुरी, सतना, सीधी, कटनी, दमोह, नरसिंहपुर, मुरैना, बड़वानी जिलों में लोकायुक्त ने नगरीय निकायों के अफसरों पर भ्रष्टाचार के मामले दर्ज किए है और कई मामलों में उन्हें रंगे हाथों ट्रेप भी किया है।

भिंड जिले  में तत्कालीन उपयंत्री मुरारीलाल शर्मा, प्रभारी तत्कालीन सीएमओ नगर पंचायत अकोड़ा रामेश्वर दयाल के खिलाफ भ्रष्टाचार के माामले दर्ज है और वर्ष 2018 में लोकायुक्त ने इनके खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मांगी है। एक दूसरा मामला भिंड जिले का ही है। इसमें तत्कालीन उपयंत्री मुरारीलाल शर्मा, उपयंत्री हनुमंत सिंह भदौरिया, नगर पंचायत फूफ के लेखापाल ब्रजकिशोर के खिलाफ मामला दर्ज है। इसमें लोकायुक्त ने जून और अक्टूबर 2018 से अभियोजन स्वीकृति मांगी है।

अब तक स्वीकृति का इंतजार
जबलपुर में गोहलपुर वार्ड के वार्ड सुपरवाईजर सुरेश सकतेल और जाकिर हुसैन के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर जनवरी 2022 में अभियोजन स्वीकृति मांगी गई है। ग्वालियर नगर पंचायत के मुकेश भारद्वाज पर दर्ज मामले में अप्रैल 2022 में अभियोजन स्वीकृति मांगी गई है। जबलपुर के मामले में उपयंत्री आदित्य सिंह प्रभारी सहायक यंत्री कार्यालय संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास पर दर्ज मामले में प्रमुख सचिव से अक्टूबर 2022 से अभियोजन स्वीकृति मांगी गई है।

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