सौर ऊर्जा से ठाढपथरा के 247 परिवारों को मिला प्रकाश, पेयजल और सिंचाई सुविधा
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही
जिले के ग्राम ठाढपथरा वनों से घिरा और पहाड़ी मैदान पर बसे आदिवासी बाहुल्य गांव है, जहां परम्परागत ऊर्जा से विद्युतीकरण किया जाना संभव नही था। गांव के घरों और गलियों में प्रकाश व्यवस्था के साथ ही पीने के लिए और सिंचाई के लिए पानी की आवश्यकता थी। इस कमी को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) ने इसे चुनौती के रूप में स्वीकार किया और सम्पूर्ण ग्राम ठाढपथरा के घरों को गैर परम्परागत ऊर्जा (सौर संयंत्र) से विद्युतीकृत किया है।
गांव ठाढपथरा में 247 हितग्राही परिवारों के घरों में विद्युतीकरण हेतु कुल 88 किलोवॉट के 10 संयंत्र स्थापित किये गये है। सौभाग्य योजनातंर्गत सोलर होम लाईट की स्थापना की गई है। प्रत्येक परिवारों को 200 वॉट क्षमता का संयंत्र प्रदाय किया गया है। इससे 24 घंटे बिजली उपलब्ध हो पा रही है। चौक-चौराहों एवं हाट-बाजारों में प्रकाश व्यवस्था हेतु 02 नग सोलर हाई मास्ट संयंत्रों की स्थापना की गई है। इससे अंधेरे से होने वाली दुर्घटनाओं एवं जंगली जानवरों से बचा जा सकता है। अब रात्रिकालीन आवागमन सुरक्षित हो गया है। पेयजल की व्यवस्था हेतु स्थापित सोलर हैंड पम्प में 04 नग सोलर ड्यूल पम्प की स्थापना की गई है जिससे ग्रामवासियों को 24 घंटे पानी उपलब्ध हो जाता है। अब पानी के लिए ग्रामवासियों को दूर नहीं जाना पडता है। गांव के किसानों को सिचाई कि सुविधा प्रदान करने के उद्धेश्य से सौर सुजला योजना के तहत राज्य शासन द्वारा रियायती दरों पर सोलर पम्प उपलब्ध कराए जा रहें है। 03 एच.पी. एवं 05 एच.पी क्षमता के कई सोलर पम्प स्थापित किये गये है। इससे किसान साल भर सिंचाई करने में सक्षम हो गये है। रबी-खरीफ फसल के उत्पादन से किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है।