G20: यूक्रेन युद्ध को लेकर साझा बयान पर फिर नहीं बनी सहमति, US-रूस ने एक दूसरे को ठहराया जिम्मेदार
बेंगलुरु
भारत की मेजबानी में चल रहे जी20 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में भारत की कई कोशिशों के बावजूद साझा बयान जारी करने को लेकर सहमति नहीं बन सकी। गुरुवार को बैठक की शुरुआत में पीएम नरेन्द्र मोदी की तरफ से आपसी मतभेद भूलकर वैश्विक चुनौतियों के लिए काम करने की अपील भी काम नहीं कर सकी। हालांकि, भारत की मेजबानी में हुई बैठक में सारांश और परिणाम दस्तावेज अपनाया गया। इससे पहले बेंगलुरु में हुए जी-20 के वित्त मंत्रियों की बैठक में भी साझा बयान जारी नहीं किया जा सका था। लगातार दो मंत्रिस्तरीय बैठक में आपसी सहमति नहीं बनने से जी-20 की आगामी बैठकों और सितंबर, 2023 में होने वाली शिखर बैठक के भविष्य को लेकर भी सवाल उठ गए हैं।
रूस-पश्चिमी देशों के बीच गहरे मतभेद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बैठक में यूक्रेन संघर्ष से संबंधित मुद्दे थे। कई राजनयिकों ने कहा कि यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिका के नेतृत्व वाले पश्चिम और रूस-चीन गठजोड़ के बीच गहरे मतभेद हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन को लेकर अलग-अलग मत होने से संयुक्त बयान को लेकर एकमत नहीं बनाया जा सका। यह बहुत ही चिंता की बात है कि यूक्रेन विवाद के बाद जो हालात बने हैं, उसका असर विकासशील देशों पर दिखाई दे रहा है। जयशंकर ने यह भी बताया कि जी20 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में आतंकवाद की स्पष्ट रूप से निंदा की गई। अमेरिका ने रूस को ठहराया जिम्मेदार अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने कहा कि रूस और चीन की वजह से ही साझा बयान जारी नहीं हो सका। रूस के रवैये को अड़ियल करार देते हुए एंटोनी ने कहा कि उसके आक्रामक रवैये का खामियाजा कई देशों को भुगतना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि रूस की वजह से ही मौजूदा बहुवादी व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती पैदा हो गई है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि भारत की अगुवाई में जब जी-20 देशों की शिखर बैठक होगी तो उसमें वैश्विक मंच पर आक्रामक रवैया अपनाने वाले देशों को कड़ा संदेश दिया जाएगा। सूत्रों ने बताया है कि बैठक में ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी व कुछ दूसरे यूरोपीय देश के विदेश मंत्रियों ने भी यूक्रेन पर हमले को लेकर रूस को आड़े हाथों लिया। रूस ने पश्चिमी देशों पर ठीकरा फोड़ा रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद संयुक्त बयान जारी नहीं होने के लिए अमेरिका व पश्चिमी देशों को जिम्मेदार ठहराया और उनके व्यवहार के लिए भारत से माफी भी मांगी। लावरोव ने कहा कि पश्चिमी देश खास तौर पर अमेरिका और ब्रिटेन यूक्रेन विवाद का शांतिपूर्ण हल नहीं चाहते हैं। उन्होंने बतौर अध्यक्ष भारत की भूमिका की पूरी प्रशंसा की और कहा कि भारत एक बड़ी वैश्विक शक्ति बनने का दावेदार है।