आकार 2023 में मध्यप्रदेश के गोंडा कला का दिया गया शिल्प प्रशिक्षण
रायपुर
छत्तीसगढ़ संस्कृति विभाग के द्वारा पिछले दिनों आकार 2023 का आयोजन हुआ जिसमें मध्यप्रदेश के गोंडा कला का भी स्टॉल लगा था जिसमें छत्तीसगढ़ व मध्यप्रदेश के लोगों को इस से जुड़े शिल्प कला प्रशिक्षण दिया गया। इस स्टॉल का निरीक्षण करने के लिए चित्रशी रावत बॉलीवुड अभिनेत्री (चक दे इंडिया परिवार) व अभिनेता ध्रुवादित्य भी पहुंचे हुए थे और उन्होंने इस कला का खूब सराहना की थी।
अंकिता अग्रवाल ने बताया कि गोंडा कला मध्यप्रदेश का एक आदिवासी कला है जिसे मध्य भारत के गोंड जनजाति द्वारा विकसित किया गया है। यह कला मूल रूप से पहाडि?ों, नदियों और जंगलों पर आधारित है जिसमें गोंड रहते हैं। गोंड कलाकार प्रकृति और सामाजिक रीति-रिवाजों को एक साथ रखे गए बिंदु और डैश की श्रृंखला के साथ चित्रित करते हैं।
गोंड कला का इतिहास 14वीं या 15वीं शताब्दी से जुड़ा है, जब भारत के मध्य पहाड़ी क्षेत्रों में पहला गोंड साम्राज्य खोजा गया था। आज, गोंड आदिवासी मुख्य रूप से मध्य प्रदेश और इसके पड़ोसी राज्यों महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा और बिहार के छोटे इलाकों में रहते हैं। ये आदिवासी अपने घरों को पेड़-पौधे, फूल-पत्तियो और जानवरों की आकृतियों से सजाते हैं। उनके चित्र कोयला, सब्जी और खनिज रंगों, रंगीन मिट्टी से बने होते हैं। दरअसल, गोंड, द्रविड़ शब्द कोंड से बना है, जिसका अर्थ है हरा पहाड़। ये आदिवासी कलाकार जो कुछ भी बनाते हैं, उनके पास हर उस पेड़ या जानवर से जुड़ी कोई न कोई कहानी होती है। उन्हीं कलाकृतियों की जानकारी आकार 2023 में पहुंचे छत्तीसगढ़ के लोगों को प्रशिक्षण के माध्यम से दिया गया।