अब महिला और बाल विकास विभाग की कार्यकर्ताओं को मानदेय नहीं मिल पाने का मामला सामने आया
भोपाल
वित्तीय संकट के चलते पंचायत सचिवों को मानदेय भुगतान पर संकट के बीच अब महिला और बाल विकास विभाग में भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मानदेय नहीं मिल पाने का मामला सामने आया है। विभाग ने 11 जिलों में भुगतान न हो पाने पर एक मार्च तक भुगतान के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। प्रदेश में राजगढ़, भिंड, नीमच, बालाघाट, सिंगरौली, अशोकनगर, झाबुआ, टीकमगढ़, रायसेन, देवास और नरसिंहपुर जिलों की लाखों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का जनवरी माह का मानदेय सरकार अब तक नहीं सकी है जबकि अब फरवरी माह भी बीत चुका है। इस मामले में वीडियोे कांफ्रेंसिंग के जरिये समीक्षा किए जाने पर महिला और बाल विकास विभाग के अफसरों के संज्ञान में पूरा मामला आ चुका है।
इसके अलावा आंगनबाड़ी केंद्रों में सप्लाई होने वाले दूध के बिलों का भुगतान भी नहीं हो पा रहा है जिस पर स्थानीय अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं। प्रदेश में शुरू हो रही लाड़ली बहना योजना के लिए महिला और बाल विकास विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए सभी जिलों के अधिकारियों से कहा गया है कि प्रदेश में कितनी महिलाओं के बैंक खाते हैं और इनमें से कितनों के आधार सीडिंग है। इसकी जानकारी एकत्र कर संयुक्त संचालक और जिला कार्यक्रम अधिकारी राज्य शासन को अवगत कराएंगे।
पंचायत सचिवों को भी नहीं मिल रहा मानदेय
इसके पहले पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग द्वारा पंचायत सचिवों को मानदेय नहीं दे पाने का मामला चर्चा में आ चुका है। पंचायत सचिव तीन माह से अधिक समय से मानदेय नहीं मिलने से परेशान हैं। मुख्यमंत्री के संज्ञान में भी यह मामला फरवरी में लाया जा चुका है लेकिन भुगतान नहीं हो पा रहा है।