सुप्रीम आदेश से चुनाव आयोग में पारदर्शिता होगी कायम : रिजवी
रायपुर
मध्यप्रदेश पाठ्यपुस्तक निगम के पूर्व अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व उपाध्यक्ष तथा वरिष्ठ अधिवक्ता इकबाल अहमद रिजवी ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता एवं विश्वसनियता कायम करने हेतु दिए गए आदेश को ऐतिहासिक कदम निरूपित कर कहा है कि आए दिन निर्वाचन आयोग के आदेशों पर सवालिया निशान लगाते हुए उन्हें संदेहास्पद की संज्ञा दी जाती रही है तथा आयोग के आदेशों पर उंगलियां उठती रहती थी। इस तरह साफ सुथरे लोकतंत्र को कलंकित किया जाता रहा है। सुप्रीम कोर्ट के इस ऐतिहासिक आदेश के मद्देनजर निर्वाचन आयोग के सभी आयुक्तों को स्वस्फूर्त इस्तीफा दे देना चाहिए ताकि तत्काल उपरोक्त सुप्रीम आदेश का पालन किया जा सकेगा। चुनाव आयोग पर सत्ता परस्ती का आरोप लगता आ रहा है अब सुप्रीम आदेश से कोई भी दल या जनता चुनाव आयोग पर किसी तरह का आरोप नहीं लगा सकेगा तथा आयोग पर विश्वसनीयता स्वयंमेव कायम हो जाऐगी, जो स्वस्थ लोकतंत्र के लिए आवश्यक भी है।
रिजवी ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से गलत मानसिकता वाले दलों में अब भावी आयोग के आयुक्तों के चयन में पारदर्शिता कायम होगी तथा आयोग में टी.एन. शेषन जैसे निर्भिक सदस्यों का चयन हो सकेगा, जो आज की राजनीति के लिए उपयुक्त होगा। कोई भी सत्ताधारी दल अपने यस मैन और पसंद के लोगों को नामजद नहीं कर पाएगा। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से सत्ताधारी दल के कुछ स्वार्थसिद्धि की मानसिकता रखने वाले को आयोग में अब जगह नहीं मिल पायेगी। सुप्रीम आदेश ने एक नया इतिहास रच दिया है जिस पर कोई आरोप नहीं लग सकेगा। इस सुप्रीम आदेश की कल्पना वर्षों से की जा रही थी जो अब जाकर पूरी हुई है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट बधाई का पात्र है। यह बदलाव समयानुकुल है।