November 26, 2024

यूपी की इस यूनिवर्सिटी में परीक्षा के एक दिन पहले ही बांट दिया पर्चा

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गोरखपुर
दीनदयाल उपाध्‍याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (डीडीयू) में एलएलबी के पांचवें सेमेस्टर की परीक्षा के दौरान शनिवार को बड़ी लापरवाही सामने आई है। कई विद्यार्थियों को 5 मार्च को होने वाली परीक्षा का पेपर बांट दिया गया। इसके बाद परीक्षा विभाग ने 5 को होने वाली परीक्षा स्थगित कर दी।शनिवार को एलएलबी के पांचवें सेमेस्टर की कैच संख्या 160 ‘प्रोफेशनल एथिक्स’ की परीक्षा थी। विधि विभाग के कमरा नंबर 4 में पेपर बांटते समय करीब 12-15 छात्रों को कैच संख्या 161 ‘अल्टरनेटिव डिस्प्यूट रिजाल्यूशन’ का प्रश्न पत्र मिल गया, जिसकी परीक्षा पांच को थी। छात्रों ने कक्ष निरीक्षक को इस बारे में बताया। इसके बाद शिक्षकों ने उनसे प्रश्न पत्र वापस ले लिए और फिर उन्हें सम्बंधित प्रश्न पत्र उपलब्ध कराए गए। परीक्षा विभाग को सूचना दी गई, जिसके बाद पांच मार्च को होने वाली परीक्षा स्थगित करने का निर्णय लिया।

बाद में घोषित होगी तारीख
परीक्षा नियंत्रक राकेश कुमार की ओर से शनिवार देर शाम जारी विज्ञप्ति के मुताबिक कुलपति के आदेशानुसार विधि तृतीय वर्ष (पंचम सेमेस्टर) सत्र 2022-23 की 5 मार्च को होने वाली कैच संख्या- 161 ‘अल्टरनेटिव डिस्प्यूट रिजाल्यूशन’ प्रश्नपत्र की परीक्षा स्थगित कर दी गई है। परीक्षा तिथि बाद में घोषित की जाएगी।

डीडीयू को लाखों का नुकसान
देश के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में शुमार दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर में परीक्षा के दौरान चूक का यह कोई पहला मामला नहीं है। एक वर्ष के अंदर आधा दर्जन बार इस तरह की लापरवाही प्रकाश में आ चुकी है। हर बार दोबारा परीक्षा करानी पड़ी। एक के बाद एक हुई चूक के कारण विश्वविद्यालय प्रशासन को लाखों के राजस्व का नुकसान तो हुआ ही विद्यार्थियों को भी परेशान होना पड़ा। विश्वविद्यालय प्रशासन ने हर बार समिति गठित कर कारणों का पता लगाए जाने और कार्यवाही की घोषणा की लेकिन उसमें क्या हुआ, यह पता नहीं चल सका।

शनिवार की परीक्षा के पर्चो के बंडल में पेपर
विवि के एलएलबी पांचवें सेमेस्टर की परीक्षा के दौरान अगले दिन होने वाले पेपर के बंटने का मामला बड़ी लापरवाही है। यह चूक किस स्तर पर हुई यह जांच का विषय है। प्रतिदिन विवि के स्ट्रांग रूम से परीक्षा शुरू होने से कुछ पहले प्रश्न पत्र विवि परीक्षा केन्द्र पर पहुंचता है। शनिवार को भी यही हुआ। प्रश्न पत्र के पैकेट पर कैच 160 ‘प्रोफेशनल एथिक्स’ से समय सारिणी का मिलान करने के बाद प्रश्न पत्र बांटा जाने लगा। बंडल के अंदर ही करीब 10-15 प्रश्न पत्र कैच 161 के थे, जो छात्रों में बंट गए।

यह चूक किस स्तर पर हुई है और विवि प्रशासन इस पर क्या कार्रवाई कर रहा है, इस सम्बंध में कुलपति प्रो. राजेश सिंह और मीडिया प्रभारी डॉ. महेन्द्र कुमार सिंह से विश्वविद्यालय का पक्ष ईमेल और व्हाट्सप पर मैसेज के जरिए मांगा गया। लेकिन देर रात तक कोई जवाब नहीं आया। परीक्षा नियंत्रक से भी बात करने की कोशिश की गई लेकिन फोन कॉल रिसीव नहीं हुई।

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