संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष साबा कोरोसी ने की नमामि गंगे परियोजना की प्रशंसा
नई दिल्ली
संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष साबा कोरोसी ने जल प्रबंधन और पर्यावरण की नीति पर वैश्विक स्तर पर कार्य होने की आवश्यकता जताई है। उन्होंने भारत में चलाए जा रहे नमामि गंगे परियोजना के उद्देश्यों की प्रशंसा की है। रायसीना डायलॉग के आठवें संस्करण में भेजे वीडियो मैसेज में कोरोसी ने क्रांतिकारी बदलाव वाले विचारों को बढ़ावा देने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि समस्याओं की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए। अगर ऐसा किया जाता है, तो समस्याएं बढ़ती चली जाती हैं और वे बड़ा रूप ले जाती हैं जिनसे भारी नुकसान होता है।
'भारत में हो रहे हैं बदलाव'
उन्होंने कहा कि जल प्रबंधन भारत की प्राथमिकताओं में है। सरकार जल की उपलब्धता और सफाई पर बहुत ध्यान दे रही है। इसके अच्छे परिणाम भी आ रहे हैं। कोरोसी ने अपनी हाल की भारत यात्रा को याद करते हुए कहा कि भारत में बदलाव हो रहे हैं। उन्होंने भारत में विश्व की 18 प्रतिशत के रहने और उसके लिए मात्र चार प्रतिशत जलस्त्रोतों के होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने जलस्त्रोतों की संख्या बढ़ाए जाने पर जोर दिया।
क्या है रायसीना डायलॉग?
रायसीना डायलॉग वार्षिक सम्मेलन है और इसकी शुरुआत साल 2016 में हुई थी। इसमें भू-राजनीतिक एवं भू-आर्थिक विषयों पर चर्चा की जाती है। इसका आयोजन भारत के विदेश मंत्रालय एवं ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है। रायसीना डायलॉग में विभिन्न देशों के विदेश, रक्षा एवं वित्त मंत्रियों को शामिल किया जाता है।
रायसीना डायलॉग का क्या है उद्देश्य?
रायसीना डायलॉग का मुख्य उद्देश्य एशियाई एकीकरण के साथ-साथ शेष विश्व के साथ एशिया के बेहतर समन्वय के लिए संभावनाओं एवं अवसरों की तलाश करना है। रायसीना डायलॉग एक बहुपक्षीय सम्मेलन है। यह वैश्विक समुदाय के सामने आने वाले चुनौतीपूर्ण विषयों को संबोधित करने हेतु प्रतिबद्ध है।