प्रसिद्ध अधिवक्ता एवं अध्यक्ष जनभागीदारी समिति उपाध्याय ने कहा एक वकील के रूप में सफल होने के लिए निरंतर अध्ययन आवश्यक
बड़वानी
एक अधिवक्ता के रूप में सफल होने के लिए निरंतर अध्ययन आवश्यक है। अंग्रेजी का ज्ञान भी जरूरी है, जो क्लाइंट्स एडवोकेट के पास जाते हैं और जिन्हें कानून का ज्ञान नहीं होता है, उनका शोषण नहीं किया जाना चाहिए। पहले केस की स्टडी करना चाहिए, फिर उसकी फीस तय करना चाहिए। एक नए अधिवक्ता को अधीनस्थ न्यायालय से अपनी प्रेक्टिस प्रारम्भ करना चाहिए। एक वाद-विवाद प्रतियोगिता जीतने के बाद मुझे लगा कि मैं अपनी बात रख सकता हूँ, इसलिए मैंने एलएलबी करने का निर्णय लिया। मेरे माता-पिता ही मेरे गुरु और आदर्श हैं।
ये बातें जन भागीदारी समिति के अध्यक्ष और प्रसिद्ध अधिवक्ता श्री अरविन्द उपाध्याय ने शहीद भीमा नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के स्वामी विवेकानन्द करियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ के कार्यकर्ताओं को इंटरव्यू देते हुए बताई। करियर सेल प्राचार्य डॉ डॉ एनएल गुप्ता के मार्गदर्शन में कार्य कर रहा है। इस अवसर पर श्री अभिषेक शर्मा उपस्थित थे। वर्षा मालवीया, वर्षा मुजाल्दे, स्वाति यादव, योगिता राठौड़, नमन मालवीया आदि ने अपने इंटरव्यू में श्री उपाध्याय से उनके प्रारम्भिक जीवन, पारिवारिक पृष्ठभूमि, विद्यालयीन एवं महाविद्यालयीन शिक्षा, लक्ष्य निर्धारण, न्यायिक क्षेत्र में करियर के अवसर, सफल अधिवक्ता बनने के सूत्र, क्रिमिनल एवं सिविल केसेस, मेजर, माइनर एवं बेयर एक्ट, बैंच एवं बार सहित अनेक मुद्दों पर चर्चा करके जानकारी प्राप्त की। श्री उपाध्याय ने आत्मीयतापूर्वक विद्यार्थियों से संवाद किया और उनके सभी प्रश्नों के सटीक तथा सारगर्भित उत्तर दिए। उन्होंने कहा कि मैं सदैव सीखता हूँ। जब तक इस फिल्ड में रहूँगा-सीखता रहूँगा। कानूनों में संशोधन होते रहते हैं, इन्हें समझने के लिए भी निरंतर अध्ययन आवश्यक है।
कार्यकर्ता प्रीति गुलवानिया और वर्षा मुजाल्दे ने बताया कि इन दिनों वोकेशनल कोर्स व्यक्तित्व विकास के विद्यार्थी सफल व्यक्तियों के जीवन वृत्त का अध्ययन कर सफलता के सूत्रों को संजो रहे हैं। आगामी सत्रों में वे इन बातों को अन्य विद्यार्थियों के साथ साझा करेंगे, जिससे सफल व्यक्तित्वों का जीवन दर्शन, संघर्ष और कार्यप्रणाली सैकड़ों युवाओं तक पहुँच सकेगी और वे इससे शिक्षा ग्रहण करेंगे। विद्यार्थियों को वोकेशनल कोर्स व्यक्तित्व विकास का प्रशिक्षण डॉ मधुसूदन चैबे दे रहे हैं, जो उच्च शिक्षा विभाग के माध्यम से आर सी वही पी नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी भोपाल से व्यक्तित्व विकास के प्रशिक्षित शिक्षक हैं।