‘लगता है इस इलाके में पुलिस का नहीं अतीक का चलता है इकबाल’, HC ने तल्ख टिप्पणी के साथ रद्द की फरहान की जमानत
प्रयागराज
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विधायक राजू पाल और दो सुरक्षा गार्डों की हत्या के आरोपी फरहान को मिली जमानत निरस्त कर दी है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि लगता है कि धूमनगंज थाना क्षेत्र में पुलिस का नहीं, अतीक अहमद का इकबाल चलता है। आरोपी माफिया अतीक गैंग का सदस्य भी है। वह जमानत पर छूटते ही अपराध पर अपराध करता रहा। यह टिप्पणी न्यायमूर्ति डीके सिंह ने दिवंगत कृष्ण कुमार पाल उर्फ उमेश पाल की जमानत निरस्तीकरण अर्जी को स्वीकार करते हुए की।
फरहान को राजू पाल हत्याकांड में 24 नवंबर 2005 में सत्र न्यायालय से जमानत मिली थी, जिसे निरस्त करने के लिए उमेश पाल ने यह याचिका की थी। कोर्ट ने कहा कि याची ने न केवल जमानत शर्तों का उल्लंघन किया बल्कि जमानत पर रिहा होने के बाद लगातार एक के बाद एक अपराध किया। उसके खिलाफ 26 आपराधिक मामले दर्ज हैं। याची को आजाद छोड़ना गवाहों व आम नागरिकों के जीवन सुरक्षा को खतरे में डालना है। इसी के साथ हाईकोर्ट ने फरहान को राजू पाल हत्याकांड में जमानत पर रिहा करने का आदेश रद्द करते हुए जमानत निरस्त कर दी। गौरतलब है कि उमेश पाल ने राजू पाल हत्याकांड में आरोपी अकबर की जमानत निरस्त करने की भी याचिका की थी लेकिन अकबर की मृत्यु हो जाने के कारण औचित्यहीन होने पर कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया। हालांकि दोनों याचिकाओं पर निर्णय होने से आठ दिन पहले उमेश पाल की हत्या कर दी गई।
नोएडा में अतीक के घर छापा
ग्रेटर नोएडा। प्रयागराज पुलिस ने शुक्रवार की देर रात ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 36 स्थित बाहुबली अतीक अहमद के घर पर छापेमारी की। पुलिस ने घर में रह रहे राजमिस्त्रत्त्ी और परिवार से पूछताछ की। बताया जा रहा है कि पुलिस ने यहां से कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया है। हालांकि, स्थानीय पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है। अतीक के घर में एक राजमिस्त्रत्त्ी पप्पू अपनी पत्नी व बच्चों के साथ रह रहा है। पप्पू ने बताया कि छह साल पहले एक व्यक्ति ने उसे घर की देखभाल के लिए रखा था। उसने आज तक घर का किराया नहीं दिया है। वह केवल बिजली का बिल जमा करता है।
‘खतरनाक गैंगस्टर है अशरफ अहमद’
हाईकोर्ट ने मरियाडीह गांव में सुरजीत और अलकमा की दोहरी हत्या मामले में माफिया अतीक के माफिया भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। कोर्ट ने अशरफ की जमानत पर सुनवाई करते हुए कहा कि वह न सिर्फ माफिया डॉन अतीक अहमद का भाई है बल्कि खुद भी एक खतरनाक गैंगस्टर है। उसकी आजादी गवाहों और कानून पसंद जनता की स्वतंत्रता एवं संपत्ति को खतरे में डाल देगी। यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह ने अशरफ की जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद दिया। 25 सितंबर 2015 को धूमनगंज के मरियाडीह में आबिद प्रधान के ड्राइवर सुरजीत व अलकमा की हत्या की गई थी।
शूटरों की तलाश में छापामारी
उमेश पाल हत्याकांड में शामिल शूटरों के चकिया और कसारी मसारी में छिपे होने की आशंका में शुक्रवार रात 11 बजे से सुबह पांच बजे तक छापामारी चली। संदिग्धों के घरों में तलाशी ली गई। इस ऑपरेशन में पुलिस ने आठ संदिग्धों को पकड़ा और उनसे पूछताछ की। हालांकि किसी से कोई सुराग नहीं मिला। पुलिस को शक है कि शूटर प्रयागराज में ही छिपे हैं। अतीक के बेटे समेत अन्य को पुराने शहर में शरण मिली है।
बांदा में दो संदिग्ध कारें उठाईं
बांदा के पत्रकार जफर अहमद खान पर पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है। शनिवार को पुलिस ने उसके घर के बाहर खड़ी दो कारें उठा लीं। उसकी सम्पत्ति तलाशी जा रही है जिस पर कभी भी बुलडोजर चल सकता है। प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड के बाद जफर का नाम सुर्खियों में आया। शनिवार को यायातात पुलिस ने क्रेन से उसके गूलरनाका स्थित आवास के बाहर खड़ीं दो कारें उठा लीं।