November 27, 2024

Allahabad University का मुस्लिम हॉस्टल सील, यही तैयार हुआ था उमेश पाल मर्डर का ‘ब्लूप्रिंट’

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प्रयागराज

 उमेश पाल हत्याकांड मामले से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है. इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के मुस्लिम बोर्डिंग हॉस्टल को पुलिस ने सोमवार को सील कर दिया गया है. उमेश हत्याकांड की साजिश शूटर गुलाम और गुड्डू मुस्लिम ने इसी हॉस्टल में साजिश रची थी. हॉस्टल के कमरा नंबर 36 में रची गई थी. हॉस्टल में रहने वाले सदाकत को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.

बता दें कि, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मुस्लिम हॉस्टल को प्रयागराज पुलिस ने सील कर दिया है। भारी संख्या में पुलिस फोर्स की मौजूदगी के बीच एक-एक कमरे को सील किया गया। कई कमरों में छात्र रह रहे थे, उनको निकालकर कमरे में ताला लगा दिया गया। दोपहर 3:00 से छात्रावास को सील करने की प्रक्रिया शुरू हुई। करीब 4:00 बजे तक 110 कमरों में से 70 कमरे सील किए जा चुके थे।

उमेश पाल हत्याकांड की रची गई थी साजिश:

बताते चलें कि, इस हॉस्टल में ही उमेश पाल हत्याकांड की साजिश रची गयी थी, ऐसा पुलिस ने अपनी जांच में बताया है। सीलिंग की कार्रवाई के दौरान पुलिस ने कमरों में अवैध रूप से रह रहे लोगों को बाहर निकाल दिया है। इस कार्रवाई में उमेश हत्याकांड में पकड़े गए सदाकत का कमरा नंबर 36 समेत सभी कमरे शामिल किये गए हैं।

हॉस्टल के सचिव ने कही यह बात:

हॉस्टल के सचिव ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि, "उमेश पाल हत्याकांड की साजिश कमरा नंबर 36 में रची गई थी उसके बाद से पुलिस लगातार यहां पर दबिश दे रही है और आज पूरे हॉस्टल को सील कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस जो कार्यवाही कर रही है वो सही है। उन्होंने कहा कि हॉस्टल में पढ़ने वाले छात्रों को रखा जाएगा लेकिन जो छात्र अवैध तरीके से रह रहे हैं उन्हें बाहर निकला जा रहा है। उन्होंने कहा कि आगामी ईद के त्योहार के बाद दोबारा छात्रों को हॉस्टल आवंटन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।"

लोगों में दहशत फैलाने के लिए की गई थी बमबाजी

उमेश पाल को बड़ी सोच-समझकर मारा गया. बम इसलिए फेंका गया था, ताकि लोग डरकर मौके से भाग जाएं. शूटर ने सीसीटीवी कैमरे के दायरे में आने से बचने की भी कोशिश की थी. गौरतलब है कि 24 फरवरी को उमेश पाल प्रयागराज कोर्ट में गवाही देकर घर लौट रहे थे. साथ में दो गनर थे, लेकिन उमेश पाल इस बात से बेपरवाह थे कि एक गाड़ी उसका पीछा कर रही है.

जैसे ही उमेश पाल की कार गली में पहुंचती है और वो कार से नीचे उतरता है. चारों तरफ से गोलियों की बौछार कर दी जाती है. उमेश जान बचाने के लिए गली में दौड़े, तब तक उनके गनर भी हमलावरों को जवाब देने के लिए पलटकर गोली चलाने की कोशिश करते हैं, लेकिन ये जवाब नाकाफी साबित हुआ.

उमेश पाल पर फायरिंग करते दिखा था असद

हत्याकांड का मुख्य आरोपी माफिया डॉन अतीक अहमद है, जिसका तीसरे नंबर का बेटा असद ही उमेश पाल पर फायरिंग करते हुए दिखाई दिया था. शुरुआत में पुलिस असद का नाम नहीं ले रही थी, लेकिन बीते दिनों प्रयागराज पुलिस ने खुलकर कहा कि असद ने ही वारदात को अंजाम दिया. उस पर ढाई लाख रुपये का इनाम भी रखा गया है.

नेपाल में छिपा है हत्याकांड का आरोपी असद

यूपी पुलिस और एसटीएफ की कई टीमें जिस असद को खोज रही हैं, वो कहां है? इस सवाल का जवाब उमेश और दोनों सरकारी गनर के परिजनों के साथ ही यूपी की आम-अवाम भी जानना चाह रही है. पुलिस को जानकारी मिली है कि असद ने बहराइच के रास्ते नेपाल में शरण ले ली है.

प्रयागराज से फरार होने के बाद शूटर पहले से ही तय किए अपने अड्डे में जाकर बैठ गए और किसी के भी संपर्क में नहीं हैं. पुलिस को शक है कि घटना को अंजाम देने के साथ-साथ एस्केप प्लान भी फुलप्रूफ बनाया था. पहले से ही तय था कि कौन, किस गाड़ी से कब और कहां जाएगा, कहां छिपेगा, कब तक छिपा रहेगा.

अब तक की जांच के बाद आशंका है कि शूटर की एक टीम राजधानी लखनऊ से बहराइच के रास्ते नेपाल में जा घुसी है. घटना के बाद आरोपियों के फरार होने में 2 फॉर्च्यूनर, एक क्रेटा और एक जेस्ट कार का इस्तेमाल हुआ था. इन 4 गाड़ियों से बदमाश अलग-अलग दिशाओं में फरार हुए हैं.

सभी गाड़ियों पर अलग-अलग फर्जी नंबर प्लेट लगी हुई थीं. एक फॉर्च्यूनर पर तो लोडिंग गाड़ी की नंबर प्लेट को लगाकर शूटर फरार हुए हैं. हालांकि, पुलिस को खबर है कि बाकी शूटर मोहम्मद गुलाम, साबिर और गुड्डू मुस्लिम अभी यूपी में ही छिपे हो सकते हैं.

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