November 27, 2024

दुश्मनों की खैर नहीं! भारत ने एंटी-शिप मिसाइल MRSAM का किया सफल परीक्षण

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 विशाखापत्तनम

भारतीय नौसेना ने मंगलवार को युद्धपोत आईएनएस विशाखापत्तनम से मीडियम रेंज सर्फेस-टू-एयर मिसाइल (MRSAM) का परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया। बताया गया है कि नौसेना ने इस मिसाइल के जरिए युद्धपोत और जंगी जहाजों को निशाना बनाने वाली एंटी शिप मिसाइल को तबाह करने की क्षमता को परखा है।  

नौसेना ने इस मिसाइल परीक्षण का एक वीडियो भी साझा किया है. बताया जा रहा है कि आईएनएस विशाखापट्टनम डेस्ट्रॉयर में 16 एंटी-शिप या लैंड अटैक ब्रह्मोस मिसाइलें लगाई जा सकती हैं. इन दोनों मिसाइलों से लैस होने के बाद इस युद्धपोत की शक्ति काफी बढ़ जाएगी.

एमआरएसएएम को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने इजरायल के IAI(इजरायल एरोस्‍पेस इड्रस्‍ट्रीज) कंपनी के साथ मिलकर बनाया है. इजरायल से भारत को मिली बराक मिसाइल भी एमआरएसएएम ही हैं. यह इजरायल की खतरनाक मिसाइल बराक-8 पर आधारित है.

एक बार लॉन्च होने के बाद एमआरएसएएम आसमान में सीधे 16 किलोमीटर तक टारगेट को गिरा सकती है. वैसे इसकी रेंज आधा किलोमीटर से लेकर 100 किलोमीटर तक है. यानी इस रेंज में आने वाले दुश्मन यान, विमान, ड्रोन या मिसाइल को नेस्तानाबूत कर सकती है.

MRSAM को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने इजरायल के IAI कंपनी के साथ मिलकर बनाया है. इजरायल से भारत को मिली बराक मिसाइल भी MRSAM ही है. सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल आर्मी वेपन सिस्टम में कमांड पोस्ट, मल्टी फंक्शन राडार, मोबाइल लॉन्चर सिस्टम होता है. यह इजरायल की खतरनाक मिसाइल बराक-8 पर आधारित है. MRSAM का वजन करीब 275 किलोग्राम होता है. लंबाई 4.5 मीटर और व्यास 0.45 मीटर होता है. इस मिसाइल पर 60 किलोग्राम वॉरहेड लगा सकते हैं. यह दो स्टेज की मिसाइल है, जो लॉन्च होने के बाद धुआं कम छोड़ती है.

एक बार लॉन्च होने के बाद MRSAM आसमान में सीधे 16 KM तक टारगेट को गिरा सकती है. वैसे इसकी रेंज आधा किलोमीटर से लेकर 100 किलोमीटर तक है. यानी इस रेंज में आने वाले दुश्मन यान, विमान, ड्रोन या मिसाइल को नेस्तानाबूत कर सकती है. इस बात को आज पुख्ता कर लिया गया है.

MRSAM मिसाइल में नई बात है रेडियो फ्रिक्वेंसी सीकर यानी यह दुश्मन का यान अगर चकमा देने के लिए सिर्फ रेडियो का उपयोग कर रहा है तो भी यह उसे मार गिराएगी. इसकी गति है 680 मीटर प्रति सेकेंड यानी 2448 किलोमीटर प्रतिघंटा. इसकी गति भी इसे बेहद घातक बनाती है.

भारत ने इजरायल से MRSAM मिसाइल के पांच रेजीमेंट खरीदने की बात की है. इसमें 40 लॉन्चर्स और 200 मिसाइल आएंगे. इस डील की कीमत करीब 17 हजार करोड़ रुपए है.  इन मिसाइलों की तैनाती से भारत को वायु सुरक्षा कवच बनाने में मदद मिलेगी. उम्मीद है कि साल 2023 तक इनकी तैनाती कर दी जाएगी.  

 

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