September 28, 2024

AICTE का प्रथम और तीसरे सेमेस्टर में कम एडमिशन तो चलेगा डंडा

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भोपाल

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) आगामी सत्र 2023-24 में कॉलेजों की मान्यता और निरंतरता जारी करने की गाइडलाइन जारी करने वाला है। एआईसीटीई इंजीनियरिंग कॉलेजों में पिछले पांच सालों में लगातार प्रथम और तीसरे सेमेस्टर में तीस फीसदी से कम प्रवेश वाले कॉलेजों की सीटों पर 50 फीसदी कटौती करेगा। निरंतरता के लिए एआईसीटीई आवेदन जमा करने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू करेगा।

इंजीनियरिंग एजुकेशन के बिगडेÞ ढांचे को सुधारने के लिए एआईसीटीई ने कठोर कदम उठाने जा रहा है। एआईसीटीई के मापदंडों पर खरे नहीं उतरने पर कॉलेजों की सीटों की बड़े स्तर पर कटौती होगी। पिछले पांच साल में कुल इंटेक पर प्रथम और तीसरे सेमेस्टर में तीस फीसदी से कम प्रवेश होने पर एआईसीटीई उनकी सीटों 50 फीसदी कटौती करेगा। वहीं फर्जीवाड़ा उजागर होने पर उनकी मान्यता तक तत्काल खत्म कर दी जाएगी। इसके लिए एआईसीटीई ने देशरभर से कॉलेजों की मान्यता को निरंतर करने के एप्लीकेशन अगले सप्ताह से जमा करने की व्यवस्था करेगा।

लेटरल एंट्री से राहत
प्रथम सेमेस्टर में 30 फीसदी से कम प्रवेश होने पर एआईसीटीई ने कॉलेजों पर एक्शन लेना शुरू कर दिया था। तब कॉलेजों ने एनआईसीटीई से कहा कि उन्हें तीसरे सेमेस्टर में लेटरल एंट्री के माध्यम से अच्छे प्रवेश मिल जाते हैं, जिससे उनके प्रवेश की स्थिति 30 फीसदी से ज्यादा हो जाती है। कॉलेजों की अपील का गौर करते हुए प्रथम सेमेस्टर के 30 फीसदी के बंधन को तीसरे सेमेस्टर तक के लिए बढ़ा दिया है। अब प्रथम और द्वितीय वर्ष के 30 फीसदी प्रवेश नहीं होने पर कॉलेजों की सीटों पर 50 फीसदी की कटौती होना तय हो गया है।

मप्र में सीटों का आंकड़ा
प्रदेश में 151 निजी और सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज संचालित हो रहे हैं। ये कालेज आगामी सत्र 2023-24 में प्रवेश कराने के लिए एआईसीटीई में अपनी निरंतरता के लिए आवेदन जमा कराना शुरू कर दिया है। उक्त 151 कॉलेजों में करीब 54 हजार 884 सीटें हैं। एआईसीटीई दस्तावेजों का परीक्षण करता है, तो सीटों में कटौती भी हो सकती है।

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