November 25, 2024

लालू यादव के खिलाफ जमीन के बदले नौकरी का मामला आखिर है क्या? जानें एक-एक बात

0

 नई दिल्ली

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू यादव का परिवार इन दिनों मुश्किलों में घिरता जा रहा है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम लालू और उनके परिवार और अन्य लोगों के खिलाफ 'नौकरी के लिए जमीन' लेने के मामले की जांच कर रही है। आरोप है कि रेलवे की नौकरी के एवज में उम्मीदवारों या उनके रिश्तेदारों से महंगा उपहार या फिर सस्ते दरों पर जमीन लिए गए। इस मामले की जांच दो साल पहले शुरू हुई थी। जांच एजेंसियां लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार से पूछताछ कर रही हैं और उनकी संपत्तियों पर छापेमारी कर रही हैं। लालू परिवार ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताया है। राजद ने पिछले साल कहा था कि बिहार में सरकार बदलने के बाद लालू परिवार को परेशान किया जा रहा है। आपको बता दें कि नीतीश कुमार ने अपने पुराने सहयोगी भाजपा का साथ छोड़कर आरजेडी से हाथ मिला लिया था। लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम बने।

कैसे शुरू हुआ मामला
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले में पिछले साल मई में जमानत पर रिहा किए जाने के कुछ हफ्तों बाद उन्हें एक अन्य मामले में विशेष अदालत ने दोषी ठहराया। सीबीआई ने उनके और उनके परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ नौकरे के बदले जमीन लेने के आरोप में एक नया मामला दर्ज किया। यह मामला 2004 से 2009 के बीच का है, उस समय लालू यादव केंद्र सरकार में रेल मंत्री थे। सितंबर 2021 में जांच करने के बाद सीबीआई ने आईपीसी की धारा 120-बी के तहत प्राथमिकी दर्ज की।

क्या है जमीन के बदले नौकरी का मामला?
सीबीआई ने आरोप लगाया कि 2004-2009 की अवधि के दौरान लालू यादव ने रेलवे में ग्रुप डी की नौकरी देने के बदले में अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन-जायदाद ट्रांसफर कराए। उम्मीदवारों को आवेदन करने के तीन दिनों के भीतर ही नौकरी दे दी गई। जमीन या पैसे देने के बाद उन्हें नियमित भी कर दिया गया।

आरोप है कि पटना के कई लोगों ने लालू यादव के परिवार की एक प्राइवेट कंपनी को बिहार की राजधानी में अपनी जमीन बेच दी या फिर उपहार में दे दी। आरोप है कि राबड़ी देवी और उनकी बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव के नाम पर जमीन ट्रांसफर किए गए। सीबीआई ने दावा किया कि इस तरह की नियुक्तियों के लिए कोई विज्ञापन या कोई सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया था। उन्हें मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में नियुक्त किया गया था। सीबीआई ने आरोप लगाया कि  लगभग 1,05,292 वर्ग फुट जमीन लालू यादव और उनके परिवार के बाकी सदस्यों के नाम पर विभिन्न माध्यम से किया गया। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *