जल्द सस्ता हो सकता है आटा! महंगाई रोकने के लिए मोदी सरकार ने बाजार में उतारा 35 लाख टन गेंहू
नई दिल्ली
पिछले कुछ महीने में देश में गेंहू और आटे की कीमतों में जबरदस्त बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। सरकार आटा की कीमतों को कम करने की कोशिशों में जुटी हुई है। भारत सरकार द्वारा गेहूं एवं आटे की कीमत को नियंत्रित करने के उद्देश्य से बाजार हस्तक्षेप की दिशा में की जा रही पहल के तहत इसका आयोजन किया जा रहा है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने बुधवार को ओएमएसएस (डी) के तहत गेहूं की बिक्री के लिए 5वीं ई-नीलामी का आयोजन किया। इससे पहले फरवी और 2 मार्च को तीसरी और चौथी ई नीलामी की गई थी।
भारतीय खाद्य निगम के 23 मण्डलों में स्थित 657 डिपो पर नीलामी के लिए कुल 11.88 लाख मीट्रिक टन गेहूं की पेशकश की गई है। वहीं 1248 बोली लगाने वालों को 5.39 लाख मीट्रिक टन गेहूं बेचा गया। पांचवी ई-नीलामी में गेहूं 2197.91 रुपये/क्विंटल के दाम पर बेचा गया। ई-नीलामी में 100 से 499 मीट्रिक टन तक की मात्रा की अधिकतम मांग थी, जिसके बाद 500-999 मीट्रिक टन की मात्रा और उसके बाद 50-100 मीट्रिक टन की मात्रा थी।
खाद्य मंत्रालय के अनुसार, खाद्यान्न और गेहूं के आटे की खुदरा कीमतों को कम करने के कदमों के तहत पिछले चार दौरों में लगभग 23.47 लाख टन गेहूं ओपन मार्केट सेल स्कीम (ओएमएसएस) के तहत थोक उपयोगकर्ताओं को बेचा गया था। पहली ई-नीलामी 1 और 2 फरवरी 2023 को आयोजित हुई थी, जिसमें 9.13 लाख मीट्रिक टन गेहूं 1016 बोलीदाताओं को 2474 रुपये प्रति क्विंटल के औसत मूल्य पर बेचा गया था। 15 फरवरी 2023 को संपन्न हुई दूसरी नीलामी के दौरान 3.85 लाख मीट्रिक टन गेहूं की मात्रा 1060 बोलीदाताओं को 2338 रुपये/क्विंटल के औसत मूल्य पर बेची गई। इसके बाद 5.07 लाख मीट्रिक टन गेहूं तीसरी ई-नीलामी के माध्यम से 875 सफल बोलीदाताओं को विक्रय किया गया, जिसका औसत मूल्य 2173 रुपये/क्विंटल था। चौथी ई-नीलामी के दौरान 5.40 लाख मीट्रिक टन गेहूं 1049 सफल बोलीदाताओं को 2193.82 रुपये/क्विंटल के भारित औसत मूल्य पर बेचा गया।
चौथी ई-नीलामी तक 23.47 लाख मीट्रिक टन गेहूं का स्टॉक बेचा जा चुका है। अगली साप्ताहिक 6वीं ई-नीलामी 15 मार्च को होगी। सरकार द्वारा लगातार की जा रही गेंहू की नीलामी से बाजार नरम पड़ा है। जिसके चलते बाजार में गेंहू की कीमतों में कमी देखने को मिली है। ओपन मार्केट में गेहूं का औसत मूल्य 2,200 रुपये प्रति क्विंटल से नीचे आ गया है। मंत्रालय ने कहा, बिक्री ने पूरे देश में गेहूं और गेहूं के आटे की कीमत को कम करने में अहम भूमिका निभाई है।