सिलिकन वैली बैंक के डूबने से अस्थिर हुआ कच्चे तेल का बाजार, कीमतों में तेज गिरावट
नई दिल्ली
सिलिकन वैली बैंक (Silicon Valley Bank) के धराशायी होने का असर धीरे-धीरे वैश्विक अर्थव्यवस्था पर दिखाई देने लगा है। बैंक के डूबने से शेयर बाजारों में हड़कंप मच गया और नए वित्तीय संकट को लेकर चिंता बढ़ गई। मंगलवार को कच्चे तेल का बाजार लड़खड़ा गया और ब्रेंट क्रूड वायदा 9 सेंट गिरकर 80.68 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड फ्यूचर्स (WTI) 16 सेंट गिरकर 74.64 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। जनवरी के बाद से सोमवार को ब्रेंट सबसे निचले स्तर पर आ गया, जबकि WTI दिसंबर के बाद से अपने न्यूनतम स्तर पर ट्रेड कर रहा था।
सिलिकॉन वैली बैंक के डूबने का असर
एसवीबी फाइनेंशियल के अचानक बंद होने से अन्य बैंकों के जोखिम के बारे में चिंताएं पैदा हो गईं। पिछले साल अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में तेज बढ़ोतरी के बाद से इस बात की अटकलें तेज हो गई थीं कि इससे बैंकिंग सेक्टर के लिए नई चिंताएं पैदा हो सकती हैं। इससे उन अटकलों को भी बढ़ावा मिला है कि क्या केंद्रीय बैंक अपनी मौद्रिक सख्ती की गति को धीमा कर सकता है?
सिग्नेचर बैंक भी हुआ बंद
अमेरिकी अधिकारियों ने रविवार को बैंकिंग प्रणाली में विश्वास बढ़ाने के लिए आपातकालीन उपायों की शुरुआत की। सिलिकॉन वैली बैंक की विफलता के बाद पिछले सप्ताह के अंत में अमेरिकी शेयर बाजारों में भारी बिकवाली हुई। राज्य नियामकों ने न्यूयॉर्क स्थित सिग्नेचर को बंद कर दिया।
डॉलर इंडेक्स भी खस्ताहाल
डॉलर इंडेक्स, जो छह बड़ी मुद्राओं के मुकाबले ग्रीन बैक की ताकत का अनुमान लगाता है, लगातार तीन दिनों तक गिरने के बाद मंगलवार को बढ़ा। बता दें कि यह सोमवार को लगभग एक महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया था। डॉलर के कमजोर होने से अन्य मुद्राओं के धारकों के लिए तेल सस्ता हो जाता है।