September 30, 2024

DAC ने 70,584 करोड़ रुपये के सैन्य साजो-सामान की खरीद को मंजूरी दी

0

नई दिल्ली
 भारत ने स्वदेश में विकसित 70,584 करोड़ रुपये के सैन्य साजो-सामान की खरीद को बृहस्पतिवार को मंजूरी दे दी, जिससे घरेलू रक्षा विनिर्माण को काफी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। अधिकारियों ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी। पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ लगभग तीन साल से जारी गतिरोध के बीच नए खरीद प्रस्तावों को हरी झंडी दी गई है।

डीएसी ने सैन्य साजो-सामान की खरीद के लिए 70,584 करोड़ रुपये की ‘एक्सेप्टेंस ऑफ नेसेसिटी' (एओएन) को स्वीकृति दी, जिसके तहत सभी खरीद ‘स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित' श्रेणी के तहत की जाएगी। राजनाथ सिंह के कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘‘इतनी मात्रा में स्वदेशी खरीद न केवल भारतीय उद्योगों को ‘आत्मनिर्भर भारत' के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में प्रेरित करेगी, बल्कि विदेशी विक्रेताओं पर भारत की निर्भरता को भी काफी हद तक कम करेगी।''

कुछ समय पहले ही तीनों रक्षा खरीद प्रस्ताव हुए
वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच रक्षा मंत्रालय ने  एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल हेलिना समेत तीन रक्षा खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दे दी। तीनों रक्षा खरीद प्रस्ताव 4,276 करोड़ रुपये के हैं। इनसे वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सशस्त्र सैन्य बलों की युद्धक क्षमता में इजाफा होगा।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने इन प्रस्तावों को मंजूरी दी। इनमें से दो प्रस्ताव थलसेना और तीसरा नौसेना से जुड़ा है। मंत्रालय ने  बताया कि डीएसी ने हेलिना एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल, लॉन्चर और इससे जुड़े उपकरणों की आवश्यकता का अनुमोदन किया है। इन सभी को आधुनिक हल्के हेलिकॉप्टर (एएलएच) में फिट किया जा सकता है। डीआरडीओ की ओर विकसित हेलिना दुनिया की सबसे उन्नत गाइडेड एंटी टैंक मिसाइलों में से एक है।

इसलिए जरूरी था यह फैसला
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, देश की उत्तरी सीमाओं पर हुए हाल के घटनाक्रमों को देखते हुए रक्षा तंत्र में प्रभावी वायु रक्षा (एडी) हथियार प्रणालियों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता महसूस की गई है, खासतौर ऐसी हथियार प्रणाली जिसे सैनिकों के स्तर पर कहीं भी लाया और पहुंचाया जा सकता हो।

    ऐसे हथियार जो देश के ऊबड़-खाबड़ क्षेत्रों एवं समुद्री इलाकों में तेजी से तैनात किए जा सकते हों।
    4276 करोड़ की खरीद को रक्षा मंत्रालय की मंजूरी
    रक्षा प्रस्तावों पर खरीद के बीच  को ही 350 किमी की दूरी तक मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल पृथ्वी-2 का चांदीपुर में सफल परीक्षण किया गया।

वायु रक्षा मजबूत करेगी डीआरडीओ की मिसाइल
हेलिना के अलावा डीएसी ने डीआरडीओ की विकसित की गई वीएसएचओआरएडी मिसाइल प्रणाली खरीदने की अनिवार्यता को भी मंजूरी दी है। इसे तत्काल विषम परिस्थितियों वाली जगहों या समुद्री ठिकानों पर तैनात किया जा सकता है।

नौसेना के लिए ब्रह्मोस लॉन्चर
तीसरी अहम खरीद नौसेना के लिए शिवालिक श्रेणी के पोत तथा अगली पीढ़ी की मिसाइल पनडुब्बी में ब्रह्मोस मिसाइल लॉन्चर और फायर कंट्रोल सिस्टम (एफसीएस) की तैनाती के लिए की जाएगी।
इसके जुड़ जाने के बाद इन पोत और पनडुब्बी के पास समुद्र में अभियान चलाने की क्षमता बढ़ जाएगी और वे किसी भी चुनौती को ध्वस्त करने में सक्षम होंगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *