November 30, 2024

अजनाला कांड के 22 दिन बाद क्यों हुई अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी, इनसाइड स्टोरी जाने

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चंडीगढ़
 पंजाब की सुरक्षा व्यवस्था को खुलकर चुनौती देने वाले वारिस पंजाब दे के मुखिया अमृतपाल सिंह पर पुलिस ने बड़ा ऐक्शन लिया है। पंजाब पुलिस ने जालंधर के नकोदर से अमृतपाल सिंह को हिरासत में ले लिया गया है। 23 फरवरी को अजनाला थाने की घटना के बाद से ही अमृतपाल सिंह पर ऐक्शन को लेकर मांग उठ रही थी। कांग्रेस, बीजेपी और अकाली दल समेत विपक्ष भगवंत मान सरकार को लगातार निशाने पर ले रहा था। अमृतपाल सिंह पर ऐक्शन के लिए पंजाब सरकार को आखिर 22 दिन का इंतजार क्यों करना पड़ा, पढ़िए इनसाइड स्टोरी-

अमित शाह से भगवंत मान की मुलाकात

अजनाला घटना के कुछ दिन बाद ही 2 मार्च को पंजाब के सीएम भगवंत मान ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात हुई थी। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच करीब 40 मिनट की बातचीत हुई। बैठक के बाद भगवंत मान ने बताया था कि पंजाब की कानून व्यवस्था को लेकर केंद्र और राज्य मिलकर काम करेंगे।

सूत्रों के अनुसार, मीटिंग में भगवंत मान ने केंद्रीय गृह मंत्री को अजनाला कांड की जानकारी दी थी और राज्य की स्थिति से रूबरू कराया था। इसके बाद 6 मार्च को पंजाब में केंद्र की ओर से 18 सीआरपीएफ-आरएएफ की टुकड़िया तैनात की गई थी।

विपक्ष के विरोध से सरकार पर दबाव

23 फरवरी को पंजाब के अमृतसर स्थित अजनाला में वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह के समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प हुई थी। इसे लेकर भगवंत मान सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर रही थी। बीजेपी ने भी मान सरकार पर जमकर हमला बोला था। सभी दल अमृतपाल सिंह पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे जो पुलिस पर हमले के बाद भी खुलेआम घूम रहा था।

पुलिस के मनोबल का सवाल था

23 फरवरी को अपने एक साथी लवप्रीत तूफान की रिहाई के लिए अमृतपाल सिंह अपनी पूरी फौज के साथ अजनाला थाने के बाहर पहुंच गया था। इस दौरान तलवार और बंदूक से लैस अमृतपाल के समर्थकों ने पुलिस बैरिकेड्स तोड़ दिए थे। पुलिस पर हमला हुआ जिसमें करीब 6 जवान घायल हो गए थे। आखिर में अजनाला पुलिस को अमृतपाल के आगे घुटने टेकने पड़े और लवप्रीत को रिहा करना पड़ा। इस घटना ने पंजाब पुलिस के मनोबल को भी ठेस पहुंचाई थी।

सख्ती दिखाते हुए निभाई प्रशासक की भूमिका

23 फरवरी की घटना के बाद से ही अमृतपाल सिंह पूरे पंजाब में घूम-घूमकर भड़काऊ बयान दे रहा था। उसने गृहमंत्री अमित शाह तक को पूर्व पीएम इंदिरा गांधी जैसे हश्र की धमकी दे डाली थी। उसने भारत में सिखों को गुलाम बताते हुए अलग देश की मांग की थी। अमृतपाल सिंह के खिलाफ 3 मामले दर्ज हैं जिसमें से 2 हेट स्पीच से जुड़े हैं। कुछ दिन पहले खुफिया एजेंसियों के हवाले से इनपुट आया था कि अमृतपाल सिंह पर हमले की योजना बनाकर कानून-व्यवस्था बिगाड़ने की साजिश रची जा रही है। ऐसे में अब अमृतपाल पर ऐक्शन जरूरी हो गया था।

खालिस्तान की मांग को सबक

अमृतपाल सिंह अलग देश खालिस्तान की मांग करके लगातार प्रशासन को चुनौती दे रहा था। वह लगातार भीड़ को उकसाने वाले बयान देकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहा था। उसके लुक और भाषणों को देखते हुए उसकी तुलना जरनैल सिंह भिंडरावाला से हो रही थी जिसने 80 के दशक में सिखों के लिए अलग देश की मांग उठाकर कोहराम मचाया था। अमृतपाल सिंह के समर्थकों की तरफ से पंजाब में जगह-जगह लगातार भड़काऊ पोस्टर लगाए जा रहे थे।

अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की 60 गाड़ियां लगाई गई थीं और कड़ी मशक्कत के बाद उसकी गिरफ्तारी में सफलता मिली। इससे पहले अमृतपाल सिंह के 6 साथियों को भी गिरफ्तार किया गया।

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