सामूहिक आदर्श विवाह सभी समाज के लिए अनुकरणीय – मुख्यमंत्री बघेल
रायपुर
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राजधानी रायपुर के कृष्णा नगर-टिकरापारा स्थित कर्मा धाम पहुंचे और वहां साहू समाज द्वारा 11 मार्च से आयोजित कर्मा जयंती सप्ताह समारोह एवं सामूहिक आदर्श विवाह में शामिल हुए। मुख्यमंत्री बघेल ने इससे पहले कमार्धाम परिसर में माता कर्मा की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की।
मुख्यमंत्री ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि सामूहिक आदर्श विवाह सभी समाज के लिए एक अनुकरणीय पहल है। यह बहुत अच्छी बात है कि सामूहिक विवाह को लेकर अब लोगों में जागरूकता बढ़ रही है। सामाजिक स्तर पर सामूहिक विवाह को प्रोत्साहित किए जाने से अब यह हमारी परम्परा में शामिल हो चुका है। उन्होंने कहा कि पहले से चली आ रही अच्छी परंपराओं को आगे बढ़ाने के साथ-साथ अच्छी और नई परंपराओं को अपनाने से ही समाज तेजी से आगे बढ़ता है। इसके लिए समाज को संगठित होना जरूरी है।
मुख्यमंत्री बघेल ने आगे कहा कि साहू समाज एक कर्मठ समाज है, जो मितव्यता पर भी विशेष ध्यान रखता है। उन्होंने कार्यक्रम में समाज को कुरीतियों तथा खचीर्ली शादी एवं महंगे आयोजनों से दूर रहकर इसकी बचत राशि से मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए साहू समाज के संकल्प को अच्छी सोच बताया और इसके लिए शासन की ओर से भी हर संभव मदद के लिए आश्वस्त किया। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ प्रदेश साहू संघ, शहर जिला साहू संघ रायपुर और संत माता कर्मा आश्रम रायपुर के तत्वाधान में आयोजित इस समारोह में परिणय सूत्र में बंधकर जीवन की नई यात्रा शुरू कर रहे सभी नवदम्पत्तियों को उनके सुखमय जीवन के लिए आशीर्वाद दिया। कमार्धाम में आज आयोजित सामूहिक आदर्श विवाह कार्यक्रम में 22 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे।
कार्यक्रम को गृह एवं लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू ने सम्बोधित करते हुए कहा कि आज पूरे प्रदेश में हर्षोल्लास के वातावरण में कर्मा जयंती का पर्व मनाया जा रहा है। उन्होंने समाज की उन्नति के लिए कुरीतियों तथा रूढ़िवादी परंपरा से दूर रहकर जनभागीदारी पर विशेष जोर दिया। कार्यक्रम को सांसद सुनील सोनी, साहू समाज के प्रदेश अध्यक्ष टहल सिंह साहू, जिला साहू संघ के अध्यक्ष केशव साहू ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर संसदीय सचिव विकास उपाध्याय, तेलघानी बोर्ड के अध्यक्ष संदीप साहू तथा अध्यक्ष जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक पंकज शर्मा और साहू समाज के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे।