September 29, 2024

ISI ने ट्रेनिंगदेकर पंजाब को दहलाने किया अमृतपाल सिंह को तैयार

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 अमृतसर
   पंजाब पुलिस का वारिस पंजाब दे संगठन के चीफ अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों के खिलाफ ताबड़तोड़ एक्शन जारी हैं. अब तक अमृतपाल सिंह के 112 समर्थक और करीबियों को गिरफ्तार किया गया है. हालांकि, वह खुद फरार हो गया.पंजाब पुलिस की कई टीमें भगोड़े अमृतपाल सिंह की तलाश में जुटी हैं. अमृतपाल के खिलाफ अब तक जांच में सामने आया है कि वह दुबई में ISI के संपर्क में आया था. इसके बाद ISI द्वारा उसे जॉर्जिया में ट्रेनिंग दी गई थी.अमृतपाल का संबंध प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस से भी है. आईए जानते हैं कि अमृतपाल मामले में अब तक क्या क्या बड़े खुलासे हुए…

अमृतपाल को लेकर हुए ये बड़े खुलासे

– भारत आने से पहले ISI द्वारा अमृतपाल को जॉर्जिया में ट्रेनिंग दी गई थी.
– अमृतपाल ने पंजाब में आतंकवाद को फिर से जीवित करने के लिए सुनियोजित योजना बनाई है.
– अमृतपाल के संबंध प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस से भी हैं.
– ISI के द्वारा फंडिंग, आतंकियों को शेल्टर और ड्रोन द्वारा हथियारों की सप्लाई की गई.
– जांच में सामने आया है कि अमृतपाल दुबई में रहते हुए आईएसआई के संपर्क में आया, जहां पहले से कई पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के एजेंट रहते हैं.
– आईएसआई ने अमृतपाल को फंडिंग दी और इसी वजह से वह पाकिस्तान के समर्थन से भारत में खालिस्तानी मूवमेंट चलाने के लिए लौटा.
– पाकिस्तान इस वक्त आर्थिक संकट से जूझ रहा है. वह कई बार भारत से युद्ध में भी हार चुका है.ऐसे में वह कभी जम्मू कश्मीर तो कभी पंजाब में साजिश रचता रहा है. इस बार आईएसआई ने अमृतपाल को भारत के खिलाफ अपना हथियार बनाया.

अपनी फोर्स बना रहा था अमृतपाल

अमृतपाल आनंदपुर खालसा फोर्स नाम से अपना फोर्स बना रहा था. पुलिस ने अमृतपाल के घर से AKF मार्क वाली जैकेट्स बरामद की हैं. उसके जल्लूपुर खेड़ा गांव स्थित घर के गेट और दीवार पर भी AKF लिखवाया गया था. उसके घर और साथियों से बरामद हथियारों पर भी AKF लिखा मिला है. यानी इस बात के पुख्ता सबूत हाथ लगे हैं कि अमृतपाल सिंह आनंदपुर खालसा फोर्स नाम से प्राइवेट आर्मी बना रहा था.

चार समर्थक डिब्रूगढ़ भेजे गए

अमतृपाल के चार समर्थकों को सुरक्षा कारणों की वजह से एयरफोर्स के विशेष विमान से असम के डिब्रूगढ़ जेल में भेजा गया है. अमृतपाल के चाचा और ड्राइवर ने भी सरेंडर कर दिया है.  इसके अलावा जालंधर में महतपुर के सलीना गांव से अमृतपाल की PB 10 FW6797 नंबर वाली एक लावारिस ईसूजूकार बरामद की गई. बताया जा रहा है कि भगौड़ा अमृतपाल सिंह इसी गाड़ी से भागा था. इस गाड़ी से एक 315 बोर राइफल समेत 57 जिंदा कारतूस, एक तलवार और एक वॉकी-टॉकी सेट बरामद किया गया है. यह गाड़ी अनोखरवाल के मनप्रीत सिंह की है. उसे भी गिरफ्तार किया जा चुका है.

कौन है अमृतपाल सिंह?

अमृतपाल सिंह वारिस पंजाब दे संगठन का प्रमुख है. इसे अभिनेता दीप सिद्धू ने बनाया था. दीप सिद्धू की पिछले साल फरवरी में सड़क हादसे में मौत हो गई थी. दीप सिद्धू लाल किला हिंसा का आरोपी भी था. दीप सिद्धू की मौत के बाद दुबई से लौटे अमृतपाल सिंह ने संगठन की कमान संभाली. दीप सिद्धू की मौत के बाद 'वारिस पंजाब दे' वेबसाइट बनाई और लोगों को जोड़ना शुरू कर दिया.

अजनाला में हथियारों से लैस होकर थाने पर हमला किया था

पिछले महीने ही अमृतपाल और उनके साथियों ने पंजाब के अजनाला में हथियारों से लैस होकर थाने पर हमला कर दिया था. उसके समर्थकों ने अपहरण और दंगों के आरोपियों में से एक तूफान की रिहाई को लेकर पुलिस स्टेशन पर धावा बोला था. इस दौरान छह पुलिसकर्मी घायल हुए थे. उसके ही एक पूर्व सहयोगी ने अमृतपाल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. इसमें आरोप लगाया था कि इन सभी ने कथित तौर पर बरिंदर सिंह नाम के व्यक्ति को अजनाला से अगवा कर लिया और फिर मारपीट की.

इस मामले के बाद पंजाब पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. पुलिस प्रवक्ता का कहना है कि 'वारिस पंजाब दे' संगठन से जुड़े लोगों पर चार आपराधिक दर्ज है. इसमें लोगों में वैमनस्य फैलाने, हत्या के प्रयास, पुलिस कर्मियों पर हमले और सरकारी काम में बाधा उत्पन्न करने के मामले हैं. इसी क्रम में अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमले के लिए संगठन के लोगों के खिलाफ केस 24 फरवरी को केस दर्ज किया गया था. इसमें अमृतपाल सिंह भी आरोपी है.

अमित शाह को दी थी धमकी

अमृतपाल सिंह ने पिछले दिनों कहा था कि हम खालिस्तान के मामले को बहुत ही शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ा रहे हैं. जब लोग हिंदू राष्ट्र की मांग कर सकते हैं तो हम खालिस्तान की मांग क्यों नहीं कर सकते.अमृतपाल ने कहा कि दिवंगत पीएम इंदिरा गांधी को खालिस्तान का विरोध करने की कीमत चुकानी पड़ी थी. हमें कोई नहीं रोक सकता, चाहे वह पीएम मोदी हों, अमित शाह हों या भगवंत मान. मुझ पर और मेरे समर्थकों पर लगाए गए आरोप झूठे हैं. इससे पहले अमृतपाल सिंह ने अमित शाह को भी धमकी दी थी.

 

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