धर्मांतरण कराने वालों का हिंसा पर उतारू होना दुर्भाग्यपूर्ण : साव
रायपुर
धर्मांतरण कराने वाले लोग छत्तीसगढ़ में जिस तरह से हिंसा पर उतारू हो गए हैं हिंसा का सहारा ले रहे हैं, वह अत्यंत चिंताजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा है कि ने कहा कि राज्य सरकार के संरक्षण में प्रदेश में धर्मांतरण का खेल खुलेआम चल रहा है। साव ने कहा कि धर्मांतरण कराने वाले लोगों ने नारायणपुर के बाद अब बस्तत के परपा थानांतर्गत ग्राम भेजरीपदर में जिस प्रकार से आदिवासी समाज और पुलिस पर हमला किया, वह छत्तीसगढ़ की शांति-व्यवस्था में खलल डालने वाला कृत्य तो है ही, साथ-साथ कानून-व्यवस्था को चुनौती देने का दुस्साहस भी है। श्री साव ने कहा कि छत्तीसगढ़ को अशांत करने का काम ये धर्मांतरण कराने वाले लोग हिंसा करके कर रहे हैं और ये सब प्रदेश सरकार के शह पर हो रहा है।
उन्होंने कहा कि राजधानी में संतों की सभा होती है तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उन पर अनावश्यक टिप्पणी करते हैं, लेकिन अवैध धर्म परिवर्तन कराने व करने वाले लोग संगठित होकर मूल आदिवासियों और पुलिस पर हमले कर रहे हैं और मुख्यमंत्री बघेल चुप हैं! कांग्रेस सरकार की शह पर छत्तीसगढ़ में आदिवासी संस्कृति पर हमले हो रहे हैं और अवैध धर्मांतरण करने वाले आदिवासी क्षेत्र पर अपना शिकंजा कस रहे हैं। यह सुनियोजित षड्यंत्र अब शहरी क्षेत्र को भी अपने चपेट में ले रहा है। उसके बावजूद मुख्यमंत्री बघेल की कांग्रेस सरकार अपने राष्ट्रीय नेतृत्व के सामने अपना नंबर बढ़ाने के लिए धर्मांतरण के इस पूरे आतंक पर चुप्पी साधे बैठी है। श्री साव ने चेतावनी दी कि धर्मांतरण में लगे समूह को प्रदेश से बाहर करें व उनके खिलाफ कार्रवाई करें अन्यथा भाजपा लोकतांत्रिक तरीके से सभी स्तर पर इसका प्रतिकार करेगी और इसकी जिम्मेदारी भूपेश सरकार की होगी।