September 28, 2024

45 मिनट तक गुरुद्वारे में रुका था अमृतपाल सिंह, ग्रंथी से कपड़े लेकर भेष भी बदला: रिपोर्ट

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चंडीगढ़
कट्टरपंथी सिख उपदेशक और 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने शनिवार को कम से कम 45 मिनट गुरुद्वारे में बिताया। मीडिया रिपोर्ट में गुरुद्वारे के उपदेशक और उनकी पत्नी के हवाले से यह दावा किया गया है। अमृतपाल सिंह दोपहर करीब 1 बजे गुरुद्वारे पहुंचा और दोपहर 1.45 बजे वहां से चला गया। शाम 4 बजे तक ग्रंथी और उनके परिवार के सदस्य को इस बात का अंदाजा नहीं था कि पुलिस उनका पीछा कर रही है।

नंगल अंबियन गुरुद्वारे के ग्रंथी रणजीत सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि जब अमृतपाल और उनके लोग उनके गुरुद्वारे में आए तो उन्हें इस बात की चिंता हुई कि वे हंगामा करने आए हैं। जब अमृतपाल गुरुद्वारे पहुंचा तो उनके साथ चार लोग और थे। उन्होंने बताया कि वे एक कार्यक्रम में जा रहे हैं, जिसके लिए उन्हें कुछ कपड़ों की जरूरत है।

रणजीत सिंह ने आगे बताया, "मैं हैरान था, लेकिन मैंने वही किया जो उन्होंने कहा। वे मेरे बेटे के कपड़े ले लिए। अमृतपाल ने उनसे लंबी पतलून मांगी। अमृतपाल के आदमी फोन पर किसी से महौल के बारे में पूछ रहे थे, लेकिन उस वक्त हमें कोई शक नहीं हुआ।'' अमृतपाल ने ग्रंथी से पूछा कि क्या वह उनके फोन का इस्तेमाल कर सकते हैं। अमृतपाल ने उनका फोन लिया और थोड़ी देर बाद वापस कर दिया।रणजीत सिंह की पत्नी नरिंदर कौर ने द ट्रिब्यून को बताया कि उन्होंने गुरुद्वारे से निकलने से पहले अपनी नीली और केसरिया पगड़ी उतार दी और घर में उपलब्ध सामान्य पगड़ी उठा ली।

पंजाब के पुलिस महानिरीक्षक सुखचैन सिंह गिल ने मंगलवार को बताया कि अमृतपाल सिंह की मदद करने वाले चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उनकी पहचान मनप्रीत सिंह उर्फ ​​मन्ना, गुरदीप सिंह उर्फ ​​दीपा, हरप्रीत सिंह उर्फ ​​हैप्पी और गुरभेज सिंह उर्फ ​​भेजा के रूप में हुई है। इन लोगों ने अमृतपाल को भगाने में मदद करने की बात मानी है। इनके पास से .315 बोर की राइफल और एक वॉकी-टॉकी सेट मिला है। कार को भी जब्त कर लिया गया है। पुलिस ने अलग-अलग पोशाकों में अमृतपाल की चार तस्वीरें भी जारी की हैं।

 

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