November 28, 2024

106 हस्तियों को राष्ट्रपति मुर्मू ने पद्म पुरस्कार से किया सम्मानित, कुमार मंगलम बिड़ला को मिला पद्मभूषण

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नई दिल्ली
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार शाम राष्ट्रपति भवन में नागरिक अलंकरण समारोह में इस वर्ष के लिए पद्म पुरस्कार प्रदान किए। इस साल घोषित किए गए 106 पद्म पुरस्कारों में से 6 पद्म विभूषण, 9 पद्म भूषण और 91 पद्म श्री हैं। राष्ट्रपति ने पहला सम्मान आर्किटेक्ट बालकृष्ण दोषी को दिया। उनकी बेटी ने पिता को मिला पद्म विभूषण सम्मान ग्रहण किया। आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला पद्मभूषण से सम्मानित हुए। इसके साथ ही वह देश के शीर्ष नागरिक पुरस्कारों को पाने वाले अपने परिवार के चौथे सदस्य बन गए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 55 वर्षीय बिड़ला को देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्मभूषण से सम्मानित किया।

इसके पहले बिड़ला की मां राजश्री बिड़ला को भी वर्ष 2011 में पद्मभूषण सम्मान मिल चुका है। उनके परदादा जी डी बिड़ला को भी वर्ष 1957 में दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण दिया गया था। वहीं कुमार मंगलम बिड़ला के दादा बी के बिड़ला के चचेरे भाई जी पी बिड़ला को भी वर्ष 2006 में पद्मभूषण से पुरस्कृत किया गया था। इस तरह वह अपने परिवार से पद्म पुरस्कार पाने वाले चौथे सदस्य बन गए हैं।

28 साल पहले आदित्य बिड़ला ग्रुप की संभाली कमान
कुमार मंगलम बिड़ला ने 28 साल पहले आदित्य बिड़ला समूह की कमान संभाली थी और इस दौरान इसका विस्तार नए कारोबारी क्षेत्रों में भी किया। अभी इस ग्रुप की मौजूदगी दुनिया के 36 देशों में है। कुमार मंगलम बिड़ला ने बयान में कहा, 'राष्ट्र-निर्माण और ट्रस्टीशिप की भावना ने पीढ़ियों से मेरे परिवार का मार्गदर्शन किया है। यह राष्ट्रीय सम्मान पाना वाकई में विनम्रता की बात है।' उन्होंने इस प्रतिष्ठित सम्मान के लिए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार भी जताया।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कला क्षेत्र में विशष्टि योगदान के लिए मध्य प्रदेश के उमरिया जिले की प्रसद्धि बैगा चत्रिकार जोधाईया बाई बैगा को वर्ष 2023 के पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया। आधिकारिक जानकारी में बताया गया कि राष्ट्रपति भवन में पद्म पुरस्कारों के नागरिक अलंकरण समारोह के प्रथम चरण में यह पुरस्कार प्रदान किया गया। उमरिया जिले की जोधाईया बाई बैगा दशकों से अपनी चत्रिकला से पारंपरिक बैगा जनजातीय संस्कृति और दर्शन को लोकप्रिय बना रही हैं।

 

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