September 27, 2024

ईटखेड़ी थाना पुलिस ने किया अंधे कत्ल का पर्दाफाश

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पैसे की मांग पूरी न कर पाने पर रचा हत्या का षड्यन्त्र
भोपाल

 23 नवंबर 2022 को बायपास हाईवे साजिद मौलाना के फार्म के किनारे अज्ञात व्यक्ति का शव सडी हालत में मिला था। जिसकी पहचान इनम मियां पिता भूरा निवासी परेवाखेड़ा रूप में हुई थी। इनाम मियां के सिर में चोट लगाने की पुष्टि पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टर ने की थी। जिससे अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध हत्या का प्रकरण अपराध क्रमांक 42 / 23 धारा 302, 201 भादवि का पंजीबद्ध किया गया था। प्रकरण मे विवेचना मे आए साक्ष्यों के आधार पर धारा 109,120(बी) भादवि का ईजाफा किया गया।

पुलिस महानिरीक्षक भोपाल देहात जोन इरशाद वली के मार्ग दर्शन में तथा पुलिस अधीक्षक (देहात) भोपाल सुकिरणलता केरकेट्टा एवं पुलिस अनुविभागीय अधिकारी ईटखेड़ी सुमंजू चौहान के निर्देशन में अंधे कत्ल का पर्दाफाश किया गया।

नवम्बर में इज्तिमा के बाद मिला था शव

संक्षिप्त विवरण के अनुसार इनाम मियां सीजन में हार्वेस्टर चलाने का काम करता था। रेहाना इसके लौट कर आने पर पूरे पैसे रखवा लेती थी। इनाम मियां की बाइक सीहोर मे बजाज फायनेस वालों ने किश्त न जमा होने के कारण जप्त कर ली थी जिसे इनाम ने हार्वेस्टर मालिक से 28 हजार रुपये लेकर वापस लिया था इस कारण उसके पास पैसे नहीं थे। जो पैसे रेहाना को नहीं दे पाया था।

इज्तिमा के कुछ दिन पूर्व जब इनाम मियां हार्वेस्टर चला कर वापस लौटा तो उसकी पत्नी रेहाना ने पैसों को लेकर विवाद किया कई दिनों तक पारिवारिक कलह झगड़ा होता रहा। इनाम मियां द्वारा रेहाना को मारपीट भी की गई थी। इस बात की जानकारी रेहाना के मायके वालों को भी थी। इस कारण रेहाना के पिता रशीद खां के घर मीटिंग की जिसमें उसके भाई माजिद, जावेद, आबिद पिता रशीद खां चाचा शेख बबलू और चाचा का लड़का इकबाल शामिल हुए। सभी ने एक राय होकर रेहाना से कहा की इनाम मियां को खत्म कर देते हैं जीना हराम किया है। ठिकाने लगा देते हैं। इसी बात के उकसावे मे आकर रेहाना ने 18 नवंबर को फावड़े के बैंटा से इनाम के सिर में मार कर उसकी हत्या कर दी।

हत्या करने के बाद रेहाना मायके जाकर वहां से पिता रशीद खां भाई जावेद, माजिद, आबिद तथा शेख बबलू और इकबाल को बुलाकर लाई। मृतक इनाम मियां के शव को तिरपाल में बांधकर बकरी बांधने वाले टपरे में जो कि उसके घर पर ही स्थित है में छिपा कर ऊपर से कम्बल से ढँक दिया गया। शव को ठिकाने नही लगा पाये क्योंकि उस समय इज्तिमा चल रहा था ओर सड़क पर पुलिस गश्त कर रही थी इस कारण उनके द्वारा मृत शरीर को घर में ही 04 दिन तक रखा गया जब इज्तिमा समाप्त हो गया तब इन्हीं सब ने मिलकर मृतक इनाम मियाँ का शव ट्रैक्टर ट्राली में रखकर रात्री में साजिद मौलाना के फार्म के किनारे बाईपास रोड के किनारे झाड़ी में छिपाकर रख दिया।

प्रकरण की सफलता में थाना प्रभारी कैलाश भारद्वाज, उप उपनिरीक्षक गयाराम शाक्य, सहायक उपनिरीक्षक सी एल यादव, आरक्षक बृजमोहन व्यास की प्रमुख भूमिका रही। सहयोग में सउनि राजेश दुबे, सउनि सुरेन्द्र बाजपेयी, प्रआर गिरीश, सुन्दर, मलखान आर 514 विष्णु तोमर, 1046 जितेन्द्र गिरी, 445 प्रशान्त 1473 संजय, आर. 3502 रुपेन्द्र देशमुख, आर. 2963 लोकेश डहेरिया, आर. 345 सुशील की सराहनीय भूमिका रही ।

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