November 28, 2024

रोहित शर्मा ने बातों ही बातों में बीसीसीआई को घेरा, कहा ‘जब आप इतना क्रिकेट खेलते हैं तो चोट लगना…’

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 नई दिल्ली

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज हारने के बाद रोहित शर्मा से एक बार फिर खिलाड़ियों की चोट पर सवाल किए गए। इस बार उन्होंने बातों ही बातों में बीसीसीआई को घेरा। रोहित शर्मा ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेस में कहा कि जब आप इतना क्रिकेट खेलते हैं तो चोट लगना तय है। भारतीय क्रिकेट टीम का शेड्यूल काफी व्यस्त रहता है जिस वजह से खिलाड़ियों को नियमित आराम करने का समय नहीं मिलता है और नतीजा यह रहता है कि प्रमुख खिलाड़ी लगातार चोटिल हो रहे हैं। ताजा उदहारण श्रेयस अय्यर है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अहम वनडे सीरीज से पहले श्रेयस चोटिल हो गए और उनकी कमी इस सीरीज में भारत को खूब खली। रोहित ने अय्यर की जगह सूर्यकुमार यादव को टीम में जगह दी मगर वह तीनों मैचों में गोल्डन डक पर आउट हुए। रोहित शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि प्रमुख खिलाड़ियों का लगातार चोटिल होना टीम के लिए चिंता का विषय है। मगर वह और टीम प्रबंधन खिलाड़ियों के वर्कलोड मैनेज करने का पूरा-पूरा प्रयास कर रहे हैं और उन्हें नियमित ब्रेक देने की भी कोशिश कर रहे हैं।
 
भारतीय कप्तान ने कहा 'चोटिल खिलाड़ियों का उपलब्ध ना होना चिंता का विषय है। हमारे वो खिलाड़ी चोट के चलते बाहर हैं जो नियमित रूप से प्लेइंग इलेवन का हिस्सा रहे हैं। मगर सच कहूं तो सब अपना बेस्ट दे रहे हैं। हम खिलाड़ियों के मैनेजमेंट पर ध्यान दे रहे हैं, जैसा कि आप देख रहे हैं कि हम कई खिलाड़ियों को समय-समय पर आराम दे रहे हैं। हम अपनी तरफ से पूरा प्रयास कर रहे हैं। मैं स्पेशलिस्ट नहीं हूं जो बता सकूं कि बार-बार इंजरी क्यों हो रही है। मेडिकल टीम इस पर ध्यान दे रही है और वर्ल्ड कप तक हमें अपने बेस्ट 15 खिलाड़ी मिलने की उम्मीद है।'
 
उन्होंने आगे कहा 'जब आप इतना क्रिकेट खेलते हैं तो चोट लगना तय है। इस पर ज्यादा ध्यान देने की बजाय जो आपके पास है और जो आप कर सकते हैं उस पर ध्यान देने की जरूरत है। खिलाड़ी भी निराश रहते हैं, वह बाहर नहीं बैठना चाहते, वह हर मैच खेलना चाहते हैं। मगर खिलाड़ियों का चोटिल होना सच में दुख की बात है। कुछ चीजें आपके हाथों में नहीं होती, श्रेयस अय्यर इसका उदहारण है। वह पूरा दिन बैठा हुआ था और जब वह नॉकिंग करने के लिए खड़ा हुआ तो वह चोटिल हो गया। हम बस खिलाड़ियों के वर्कलोड को अच्छे से मैनेज कर सकते हैं और उन्हें समय-समय पर ब्रेक दे सकते हैं।'

 

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