लालू यादव और आजम खान वाली लिस्ट में शामिल होंगे राहुल गांधी? अयोग्य हो चुके हैं ये 4 दिग्गज
नई दिल्ली
सूरत की एक अदालत ने 2019 के मानहानि केस में गुरुवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को दोषी ठहराया। इसके बाद उनकी लोकसभा की सदस्यता पर खतरा मंडराने लगा है। इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें दोषी ठहराए जाने के तुरंत बाद सांसदों और विधायकों की सदस्यता तत्काल चली गई है। जनप्रतिनिधित्व कानून के प्रावधान के मुताबिक, दो साल या उससे ज्यादा की सजा पाने वाला व्यक्ति ''दोष सिद्धि की तिथि'' से अयोग्य हो जाता है और सजा पूरी होने के छह साल बाद तक अयोग्य रहता है।
हालांकि, कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि अगर हाईकोर्ट उनकी सजा को निलंबित कर देती है, तो वह लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य नहीं होंगे। आइए उन सियासी घटनाओं पर एक नजर डालें, जिसमें सांसदों और विधायकों की सदस्यता तत्काल चली गई थी।
मोहम्मद फैजल: 13 जनवरी को लक्षद्वीप के एक सत्र अदालत ने हत्या के प्रयास के एक मामले में स्थानीय सांसद को दोषी दोषी ठहराया था। सजा के ऐलान होने के बाद ही लोकसभा सचिवालय ने लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल को अयोग्य घोषित करने वाली एक अधिसूचना जारी कर दी। हालांकि 25 जनवरी को केरल हाईकोर्ट ने सजा को समाप्त कर दिया। इसके बाद चुनाव आयोग ने 27 फरवरी को लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव को रोकने का फैसला किया।
आजम खान: 27 अक्टूबर 2022 को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट निशांत मान की रामपुर एमपी-एमएलए अदालत ने समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को 2019 के एक मामले में दोषी ठहराया। उन्हें तीन साल की कैद की सजा सुनाई गई। इसके एक दिन बाद यूपी विधानसभा सचिवालय ने आजम खान की विधायकी खत्म कर दी। वही, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम की भी विधायकी सजा की घोषणा के साथ ही जा चुकी है।
लालू प्रसाद यादव: रांची में सीबीआई की विशे। अदालत ने उन्हें 3 अक्टूबर, 2013 को चारा घोटाले में उन्हें दोषी ठहराया था। इसके अगले ही दिन लालू यादव की लोकसभा सदस्यता को खत्म कर दिया गया।
विक्रम सैनी: मुजफ्फरनगर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने भाजपा विधायक विक्रम सैनी को 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों में उनकी भूमिका के लिए दो साल की कारावास की सजा सुनाई। इसके लगभग एक महीने बाद उनकी सदस्यता चली गई। 7 नवंब, 2022 को एक अधिसूचना जारी कर दी गई।