शोध – सोशल मीडिया पर महिलाओं को ट्रोल करने के मामलों में तेजी
लखनऊ
सोशल मीडिया पर महिलाओं को ट्रोल करने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. हाल ही में भारतीय महिलाओं के बारे में एक सर्वे जारी किया है. सर्वे करने वाले प्लेटफॉर्म लोकल सर्कल्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 10 में से 8 शहरी महिलाएं कई तरह के कामों के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल कर रही हैं, लेकिन साथ ही ऑनलाइन शोषण, दुर्व्यवहार और ट्रोलिंग का शिकार भी हो रही हैं. सर्वे के माध्यम से महिलाओं ने इसके खिलाफ एक्शन लिए जाने की बात भी कही है. इंटरनेट के इस्तेमाल से संबंधित जो बातें इसमें सामने आई हैं, उसमें 76 फीसदी महिलाएं इंटरनेट का इस्तेमाल अपने परिवार, दोस्तों और चाहने वालों से जुड़े रहने के लिए करती हैं. जबकि 57 फीसदी महिलाएं इंटरनेट का इस्तेमाल विभिन्न तरह की जानकारियां पाने के लिए करती हैं. यह सर्वे भारत के 301 शहरी जिलों में किया गया था.
ट्रोलिंग के तेजी से बढ़ रहे इन मामलों से महिलाएं कैसे खुद को बचाएं के सवाल पर लखनऊ के बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. धीरेंद्र पांडेय ने बताया कि सोशल मीडिया पर महिलाओं को ट्रोल करने के मामले आज से नहीं बल्कि लंबे वक्त से हो रहे हैं. इस पर रिसर्च भी 2018 से चल रही है. 2018 में थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन की ओर से सर्वे किया गया था. जिसमें उन्होंने कहा था कि सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग के मामले में भारत महिलाओं के लिए दुनिया का सबसे खतरनाक देश है. इससे पहले 2017 में एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा एक अध्ययन किया गया था. जिसमें पाया गया था कि भारत में महिला राजनेताओं को अपने पुरुष समकक्षों की तुलना में ऑनलाइन दुर्व्यवहार और उत्पीड़न के उच्च स्तर का सामना करना पड़ रहा है.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो
यही नहीं, 2019 में द क्विंट द्वारा एक सर्वे किया गया था,जिसमें 500 महिलाओं को शामिल किया गया था. उसमें 65 फीसदी महिलाओं ने बताया था कि सोशल मीडिया पर वह लगातार ट्रोलिंग का शिकार हो रही हैं. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, 2016-18 के बीच में भारत में महिलाओं के खिलाफ साइबर अपराध के मामलों की संख्या में 50 फीसदी वृद्धि हुई है. ऐसे में यह चिंता का विषय है कि सोशल मीडिया को महिलाओं के लिए सुरक्षित कैसे बनाया जाए.
ऐसे करें बचाव
डॉ. धीरेंद्र पांडेय ने बताया कि ट्रोलर से बचने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि उनको नजर अंदाज करें. इसके अलावा हर जिले में साइबर सिक्योरिटी थाना होता है, वहां पर जाकर अपनी शिकायत दर्ज कराएं. यही नहीं, सरकार के भी कई ऐसे पोर्टल हैं जो गूगल पर सर्च करने पर मिल जाएंगे, जिसमें साइबर से जुड़े हुए अपराध ऑनलाइन दर्ज कराए जा सकते हैं. इसके अलावा लखनऊ में वुमन पावर हेल्पलाइन 1090 पर भी कॉल करके ज्यादा जानकारी ली जा सकती है.
क्या है ऑनलाइन ट्रोलिंग?
डॉ. धीरेंद्र पांडेय ने बताया कि पिछले काफी समय से महिलाएं ट्रोलिंग का शिकार हो रही हैं. साथ ही बताया कि जब फेसबुक, इंस्टाग्राम और टि्वटर समेत दूसरे सोशल प्लेटफॉर्म पर बिना किसी जान पहचान के महिलाओं की फोटो, वीडियो या फिर उनके द्वारा की गई किसी भी पोस्ट पर लोग आपत्तिजनक टिप्पणी करना शुरू कर दें, तो इसे ही ऑनलाइन ट्रोलिंग कहा जाता है.