फर्जी तरीके से PF का 15 करोड़ रुपये का गबन करने वाले रिपुदमन सिंह गिरफ्तार, पूर्व जेल अधीक्षक उषा राज को बनाया आरोपी
उज्जैन
केंद्रीय भैरवगढ़ जेल उज्जैन के कर्मचारियों की फर्जी तरीके से विभागीय भविष्य निधि निकालकर 15 करोड़ रुपये का गबन करने वाला मास्टरमाइंड और जेल की अकाउंट शाखा का प्रभार संभालने वाला जेल प्रहरी रिपुदमन सिंह पकड़ा गया है। वह 12-13 मार्च की रात को ही घर पर ताला लगाकर परिवार सहित फरार हो गया था। इसके बाद एक टीम यूपी भेजी थी, जहां से उसे शुक्रवार देर रात गिरफ्तार कर लिया गया।
बता दें कि पकड़ाने की पुष्टि एसएसपी सत्येंद्रकुमार शुक्ल ने करते हुए बताया, रिपुदमन सिंह को बनारस के समीप एक गांव से बड़ी मशक्कत के बाद गिरफ्तार किया गया है। उसे टीम लेकर उज्जैन आ रही है। आरोपी से पूछताछ के बाद गबन कांड का पूरी तरह से पर्दाफाश हो जाएगा।
गबन कांड में हटाई गई केंद्रीय भैरवगढ़ जेल की पूर्व जेल अधीक्षक उषा राज जांच के बीच इंदौर के अस्पताल में भर्ती हो गई थी, जिसे एसएसपी शुक्ल ने नोटिस देकर तलब करने के साथ ही उन्हें पूछताछ के लिए उज्जैन ले आई है। विश्वसनीय सूत्रों का कहना है, मामले में बयानों के बाद पुलिस पूर्व जेल अधीक्षक उषा राज को भी गिरफ्तार कर सकती हैं।
पूछताछ के लिए मांगा जा सकता है रिमांड...
15 करोड़ के जीपीएफ घोटाले में मुख्य आरोपी जेल की अकाउंट शाखा के प्रभारी रिपुदमन सिंह की बनारस से हुई गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने शनिवार सुबह केंद्रीय भैरवगढ़ जेल की पूर्व अधीक्षक उषा राज के खिलाफ भी गबन मामले में मामला दर्ज कर उन्हें आरोपी बना लिया है। इस बारे में जानकारी देते हुए एडिशनल एसपी और एसआईटी हेड इंद्रजीत बाकलवार ने बताया, गबन कांड का जल्द ही खुलासा किया जाएगा। इस मामले में बैंक स्टेटमेंट जेल कर्मचारियों के बयान और दस्तावेजों की छानबीन के साथ ही अलग-अलग तरीके से जांच की जा रही है।
उन्होंने बताया कि जेल के अकाउंट शाखा के प्रभारी और गबन कांड के मुख्य आरोपी रिपुदमन सिंह को पुलिस की तीन से चार दिनों की मेहनत के बाद मिर्जापुर और रांची के बीच बनारस से गिरफ्तार कर लिया गया है, जिसे शनिवार शाम तक उज्जैन लाया जाएगा। दोपहर तक केंद्रीय जेल भैरवगढ़ की पूर्व अधीक्षक उषा राज को न्यायालय में भी पेश किया जाएगा, जहां आगामी पूछताछ के लिए उनका रिमांड मांगा जाएगा।
गबन कांड पर एक नजर…
10 मार्च 2023 को गबन कांड सामने आया था। 11 मार्च को केस दर्ज होते ही जेल की अकाउंट शाखा का प्रभारी रिपुदमन फरार हो गया। जेल विभाग की जांच में 15 करोड़ का घोटाला होने का पता चलते ही 14 मार्च को प्रहरी शैलेंद्र सिकरवार और धर्मेंद्र लोधी भी भाग गए। 15 मार्च को जेल अधीक्षक को हटाने के लिए कर्मचारी परिवार सहित धरने पर बैठ गए थे। विधायक महेश परमार ने विधानसभा में प्रश्न लगाकर गृहमंत्री को ज्ञापन सौंपा।
वहीं, 16 मार्च को जांच रिपोर्ट मिलने के अगले दिन जेल डीजी अरविंद कुमार ने अधीक्षक उषा राज को हटाकर हिमानी मनवारे को प्रभार सौंपने के आदेश दिए। 18 मार्च जेलकर्मियों के परिजनों ने खुशिया मनाई, मनवारे ने चार्ज लिया और उषा राज को पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। बाद में वह इंदौर में भर्ती हो गईं। 21 मार्च को एसएसपी शुक्ल ने रिपुदमन और शैलेंद्र सिंह पर 5-5 हजार का इनाम घोषित कर दिया। वहीं, सटोरिए रोहित चौरसिया, रिंकू मांदरे और हरीश गहलोत को रिमांड पर लिया गया।
दो फरार सिपाहियों को भी खोज रही पुलिस…
जेल के दो फरार सिपाही शैलेंद्र सिकरवार और धर्मेंद्र लोधी की धरपकड़ के लिए भी दो टीम ग्वालियर, भिंड और अन्य जगह भेजी हुई है। ये दोनों भी जल्द पकड़े जाएंगे। गबन कांड की जांच कर रहे एएसपी और एसआईटी हेड डॉ. इंद्रजीत बाकलवार ने बताया कि एक-दो दिन में गबन कांड को लेकर पूरी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। जांच और कार्रवाई में काफी कुछ नतीजे के करीब है, धरपकड़ की कार्रवाई जल्द पूरी होते ही खुलासा करेंगे।