November 27, 2024

कश्मीर में अशांति पैदा करने में नाकामी के बाद अब पाकिस्तान की नजर पंजाब पर : बिट्टा

0

चंडीगढ़

पंजाब में कट्टरपंथी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई शुरू होने पर ‘ऑल इंडिया एंटी-टेररिस्ट फ्रंट’ के अध्यक्ष मनिंदरजीत सिंह बिट्टा ने कहा कि पाकिस्तान को यह अहसास हो गया है कि बार-बार कश्मीर मुद्दा उठाना व्यर्थ है और अब वह पंजाब को निशाना बनाने की कोशिश कर रहा है।

बिट्टा ने कहा, ‘‘पाकिस्तान को यह अहसास हो गया है कि बार-बार कश्मीर मुद्दा उठाना व्यर्थ है…जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद से आपने वहां स्थिति में बदलाव देखा है। इसलिए वे अब फिर से पंजाब को निशाना बनाना चाहते हैं।’’

बिट्टा पर युवा कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर रहते हुए 1993 में दिल्ली में आतंकवादी हमला हुआ था। वह उसमें बच गए थे।

हाल के महीनों में पंजाब में पाकिस्तान के साथ लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार से ड्रोन गतिविधियां कई गुना बढ़ गयी है।

अलगाववादी अमृतपाल सिंह और उसके संगठन के सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई पर बिट्टा ने कहा कि यह वक्त एक-दूसरे पर आरोप लगाने का नहीं है और सभी राजनीतिक दलों को राज्य एवं केंद्र सरकार के प्रयासों का समर्थन करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि राष्ट्र विरोधी तत्व पंजाब में अशांति पैदा करना चाहते हैं और इनमें से कई के सीमा पार संबंध हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘राजनीतिक दलों को एकजुट होकर काम करना चाहिए, जैसा कि पंजाब में आतंकवाद के दौर में देखा गया था जब सभी एकजुट हो गए थे। राजनीतिक नेताओं को इस वक्त एक-दूसरे पर आरोप नहीं लगाने चाहिए। उन्हें राज्य पुलिस तथा केंद्र के प्रयासों का समर्थन करना चाहिए।’’

बिट्टा ने कहा, ‘‘सिख समुदाय के धार्मिक नेताओं को भी बोलना चाहिए क्योंकि कुछ लोगों की हरकत पूरे सिख समुदाय को बदनाम कर रही है।…यह हमारा पंजाब है, अगर यहां हालात बिगड़ते हैं तो इसका असर गहरा होगा…पंजाब में आतंकवाद का खात्मा कैसे हुआ? ऐसा तब हुआ जब सभी दल एक मंच पर एक साथ आए।’’

बिट्टा ने कहा कि मुख्यमंत्री को सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए और नेताओं से भविष्य की कार्रवाई पर सलाह लेनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि जो लोग खालिस्तान के बारे में सोचते और उसकी बात करते हैं, वे गलत हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब के वीरों ने अपनी मातृभूमि के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है और हमेशा अलगाववादी तत्वों को खारिज किया है।

बिट्टा ने कहा कि गैंगस्टर-आतंकवादी साठगांठ एक और चुनौती है क्योंकि ‘‘उनके तार पाकिस्तान और कनाडा से जुड़े हैं।’’ उन्होंने गायक सिद्धू मूसेवाला का उदाहरण दिया जिनकी पिछले साल मानसा के एक गांव में गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *