सेमीकंडक्टर्स की कमी, EVM मशीन निर्माण में देरी, बजट का केवल 16 फीसदी हुआ इस्तेमाल
नईदिल्ली
दुनियाभर में सेमीकंडक्टर्स की कमी चल रही है। वहीं चुनाव आयोग (Election Commission) ने 2022-2023 में 31 जनवरी तक इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की खरीद के लिए बजट का केवल 16 फीसदी इस्तेमाल किया था। सेमीकंडक्टर्स की वैश्विक कमी के कारण मशीन निर्माण में देरी हुई। पोल पैनल ने फरवरी में एक हाउस पैनल को यह जानकारी देते हुए बताया।
चुनाव आयोग ने कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय पर संसदीय स्थायी समिति को सूचित किया कि वह 31 मार्च को वित्तीय वर्ष के अंत तक ईवीएम खरीद के लिए पूरे 1,500 करोड़ रुपये का उपयोग करने में सक्षम होगा। भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी (BJP MP Sushil Kumar Modi) की अध्यक्षता वाली समिति ने कानून और न्याय मंत्रालय के विधायी विभाग की अनुदान की मांग (2023-2024) पर अपनी रिपोर्ट पेश की। बता दें कि इसी के माध्यम से चुनाव आयोग को बजट दिया जाता है।
चुनाव आयोग के लिए ईवीएम का बजट अनुमान 2021-2022 में 1,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 2022-2023 में 1,500 करोड़ रुपये हो गया। जबकि 2023-2024 के लिए यह 1,866.78 करोड़ रुपये हो गया। रिपोर्ट में कहा गया है, “यह प्रावधान 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए ईवीएम की खरीद के संबंध में भुगतान के लिए किया गया है।”
वर्ष 2022-23 के लिए आवंटित 1,500 करोड़ रुपये में से विभाग ने 31 जनवरी तक 240.86 करोड़ रुपये का उपयोग किया था। चुनाव आयोग ने विधायी विभाग के माध्यम से पैनल को सूचित किया कि 598.84 करोड़ रुपये के बिल मंजूरी के लिए कानून मंत्रालय को भेजे गए थे और निर्माताओं को भुगतान तब किया जाएगा जब वे स्वीकृत होंगे।
रिपोर्ट में कहा गया है, “ईसी ने आगे कहा है कि शेष बजटीय आवंटन का उपयोग चालू वित्त वर्ष में भी किया जाएगा क्योंकि वैश्विक स्तर पर सेमी-कंडक्टर (ईवीएम और वीवीपैट के निर्माण के लिए एक आवश्यक घटक) की गंभीर आपूर्ति संकट के कारण ईवीएम के निर्माण में देरी हुई है।” ईवीएम खरीद की स्थिति पर टिप्पणी के लिए पूछे जाने पर चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने कोई जवाब नहीं दिया। इंडियन एक्सप्रेस ने मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार (Chief Election Commissioner Rajiv Kumar) से संपर्क करना चाहा लेकिन नहीं हो सका।