यूरोप में एक और बैंक डूबने की कगार पर, बुरी तरह टूटे शेयर
नई दिल्ली
अमेरिका से शुरू हुआ बैंकिंग संकट यूरोप में बढ़ता ही जा रहा है. यूरोप के एक और बैंक का क्रेडिट डिफॉल्ट हो रहा है, जिसका नाम डॉयचे बैंक है. इस वजह से उसके शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई. बैंक ने जिन क्रेडिट को इंश्योर किया है, उसका डिफॉल्ट रेट बढ़कर चार साल के हाई लेवल पर पहुंच गया है. क्रेडिट सुइस के बाद डॉयचे बैंक अब निवेशकों की टेंशन बढ़ा रहा है. बैंक के क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप में तेजी आने के बाद 24 मार्च को इस बैंक के शेयर 14 फीसदी से अधिक गिर गए थे. वहीं, 25 मार्च को 6.5 फीसदी की गिरावट के साथ शेयर क्लोज हुए थे.
डॉयचे बैंक का सीडीएस एक तरह का इंश्योरेंस है, जो कंपनियों के बॉन्डहोल्डर्स को किसी डिफॉल्ट के खिलाफ कवर प्रदान करता है. स्टैंडर्ड एंड पुअर मार्केट इंटेलिजेंस के आंकड़ों के अनुसार, डॉयचे बैंक के क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप में 200 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया गया है, जो 2019 की शुरुआत के बाद से सबसे अधिक है. कुछ दिन पहले बैंक के क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप में 142 प्वाइंट की तेजी दर्ज की गई थी.
जानकारों का कहना है कि डॉयचे बैंक पर पिछले कुछ समय से निवेशकों की नजरें टिकी हुई हैं. जिस तरह से क्रेडिट सुइस बैंक संकट में फंसा ये बैंक भी उसी रास्ते पर बढ़ रहा है. डॉयचे बैंक में कई बदलाव हुए हैं और लीडरशिप को भी बदला गया, ताकी इसकी वर्किंग को सुधारा जा सके. लेकिन हालात में सुधार नहीं हुए. अब बैंक डूबने की राह पर बढ़ रहा है.
अमेरिका में गहराया संकट
अमेरिका में दो बैंकों पर ताला लग गया है और कई दूसरे बैंकों पर भी इस संकट का साया गहराता नजर आ रहा है. आशंका जताई जा रही है कि सिलिकॉन वैली बैंक और सिग्नेचर बैंक के डूबने के बाद अमेरिका का बैंकिंग संकट अपनी चपेट में कई और बैंकों को भी ले सकता है. यूरोप का क्रेडिस सुइस बैंक संकट में फंसकर बिक गया. वित्तीय संकट से जूझ रहे स्विट्जरलैंड के बैंक क्रेडिट सुइस का अधिग्रहण यूनियन बैंक ऑफ स्विट्जरलैंड (USB) ने करने का ऐलान किया है.
ब्याज दरों में बढ़ोतरी से स्थिति हुई खराब
सिलिकॉन वैली बैंक डूबने के पीछे की वजह ब्याज दरों में बढ़ोतरी को बताया जा रहा है. कुछ दिन पहले चीन के सेंट्रल बैंक ने कहा था कि अमेरिका के सिलिकॉन वैली बैंक के डूबने से ये पता चलता है विकसित देशों में ब्याज दरों ने इकोनॉमी को किस कदम प्रभावित किया है.
आशंका जताई जा रही है कि अगर हालात में सुधार नहीं हुआ तो फिर अमेरिका के लगभग 110 बैंक सिलिकॉन वैली बैंक और सिग्नेचर बैंक जैसे संकट में फंस सकते हैं. बैंकिंग संकट को सुलझाने के लिए अमेरिका के सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व ने बैंकों को 250 अरब डॉलर की वित्तीय मदद मुहैया करवाई है.